उज्जैन। भोपाल के एक व्यक्ति ने शहर में कई लोगों को लाखों रुपए की चपत लगा दी। आरोपी ने खुद को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड ((बीएचईएल)) का पूर्व अधिकारी बताते हुए लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगा है। तीन लोगों से 25 लाख ठगने पर रविवार को नीलगंगा पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।
टीआई एमएस परमार ने बताया कि गऊघाट कॉलोनी निवासी विकास पिता गोपालसिंह देवड़ा से अप्रैल 2013 में भोपाल स्थित ऋषिपुरम के कालीवाड़ा निवासी अजय पिता गौरीशंकर चतुर्वेदी मिला। चतुर्वेदी ने बताया उसने बीएचईएल से नौकरी छोड़ दी लेकिन वो उनके छोटे भाई तरुण को कम्प्यूटर प्रोगामर बनवा सकता है। इस पर विकास ने चतुर्वेदी की मांग अनुसार 1.50 लाख नकद और 7 लाख रुपए एचडीएफसी स्थित उसके अकाउंट में जमा कर दिए। बाद में चतुर्वेदी उन्हें टालता रहा। नतीजतन जून 2013 में विकास ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत कर दी। मामले में जांचकर चतुर्वेदी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। अब उसे तलाशने के लिए एक दल मंगलवार को भोपाल भेजेंगे।
इन्हें 15 लाख की चपत- टीआई परमार ने बताया कि चतुर्वेदी ने वेदनगर निवासी सुनील बाछानी से उनके पुत्र सचिन और हरिप्रसाद सक्सेना से उनकी पुत्री पायल को नौकरी लगवाने के नाम पर 8.50-8.50 लाख रुपए ठगे हैं। दोनों का मामला भी जांच में लिया है। चतुर्वेदी से ठगाए और भी लोगों का पता चला है। मामले में जांच के बाद ठगी की राशि बढ़ सकती है।
दोस्त बनकर मिला ठग -विकास ने पुलिस को बताया भाई तरुण को नौकरी की तलाश थी। तभी भोपाल के गिरीश हाड़ा ने चतुर्वेदी से मिलवाया। चतुर्वेदी ने खुद को बीएचईएल का पूर्व अधिकारी बताया। कहा बीएचईएल में मैनेजमेंट कोटा खाली है, जहां वह लोगों को नौकरी लगवा सकता है। विश्वास हो गया ओर ठगी का शिकार हो गया।