MP POLICE की बदलेगी वर्दी, मिलेगी मजिस्ट्रियल पॉवर

भोपाल। गृहमंत्री बाबू लाल गौर जल्द ही मप्र पुलिस को नई वेशभूषा नया पैटर्न देने जा रहे हैं, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

यह कमेटी वर्दी के रंग और स्टाइल तय करेगी, जबकि इससे ज्यादा पुलिस कर्मचारियों के लिए जरूरी पुलिस एक्ट पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए थानों में दो विंग बनाने को लेकर कोई खैर खबर नहीं है, साथ ही पुलिस कर्मियों को मजिस्टेट के अधिकार दिए जाने पर कोई गौर नहीं किया गया है। पुलिस एक्ट का प्रस्ताव आठ साल से वित मंत्रालय में लटका पड़ा हुआ है। इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। गौरतलब है कि 22 सितंबर 2006 को पुलिस में सुधार करवाने के लिए उप्र के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को पुलिस एक्ट लागू करवाने के लिए कहा गया था, इसमें प्रदेश भी शामिल था , लेकिन इसको लेकर शासन ने अपना रुख साफ नहीं किया, साथ ही समय-समय पर इसको लागू करने के दूर कर दिया गया। 2011 में कोर्ट पुलिस एक्ट का मामले में एक याचिका दायर की गई, तो सरकार ने शपथ-पत्र देकर दावा किया कि जल्द प्रदेश में पुलिस एक्ट लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद भी लागू नहीं हो पाया है।

पुलिस के पास होगी मजिस्ट्रेट की पावर
मप्र में पुलिस एक्ट लागू होते ही पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों के पास मजिस्ट्रेट के अधिकार आ जाएं तो वे प्रशासनिक अधिकारियों की भांति निर्णय ले सकेंगे। राजपत्रित

अधिकारियों के ट्रांसफर दो वर्ष से पूर्व नहीं किए जा सकेंगे। सरकार ने स्थापना बोर्ड का गठन तो कर लिया है। साथ डीजीपी व आईजी स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना दो साल से पहले नहीं की जा सकती है, जबकि पुलिस एक्ट के वजह परिषद का गठन किया गया है।

मप्र में पुलिस वर्दी बदली जाएगी
गृहमंत्री बाबूलाल गौर के मुताबिक जल्द ही प्रदेश की पुलिस की वर्दी का रंग और यूनिफॉर्म का पैटर्न बदला जा सकता है। गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो मप्रपु की नई यूनिफॉर्म अमेरिका की लॉस एंजिल्स पुलिस डिपार्टर्मेंट या फिर स्कॉटलैंड यार्ड की तर्ज पर बनाई जाएगी। गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने इस काम को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो मौजूदा समय की मांग के मुताबिक वर्दी, उसका रंग और पैटर्न तय करेगी।

अग्रेंजों की बनाई गई है यह वर्दी
मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद प्रेसवार्ता ने गौर ने कहा कि मप्र पुलिस सहित पूरे देश की पुलिस की यूनिफॉर्म का पैटर्न अंग्रेजों द्वारा तय किया गया था और यह 150 वर्ष पुराना है। मौजूदा परिस्थितियों में यह वर्दी न तो मौसम के अनुकूल है और न पहनने में आरामदायक। गृहमंत्री ने कहा कि कमेटी की सिफारिशों के अनुसार डिजाइनर्स से वर्दी को डिजाइन कराया जाएगा और यह पूरे पुलिस महकमे पर लागू किया जा सकता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !