बुरहानपुर। बुधवार को वन कर्मचारी संघ के तत्वावधान में एक विशाल रैली निकाली गई जो कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंची जहां अपर कलेक्टर के.एल. यादव को एक ज्ञापन सौंपा गया।
रैली का उद्देश्य वन अधिकार अधिनियम 2006 व 2008 के तहत वनों की वन भूमि पर काबीज एवं नये अतिक्रमण के संबंध में शासन का ध्यान आकर्षण कराना था। ज्ञापन में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पात्र दावे को अधिकार पत्र दिये जा चुके है। अत: नवीन दावे पात्र करने की प्रक्रिया वन अधिकार नियम 2007 की धारा 11(1)(क) में दिये गये प्रावधान अनुसार बंद किए जाए। जिससे नवीन अतिक्रमण को बढावा न मिल सकें। वही अमान्य किये गये दावों को अतिक्रमीत भूमि से बल पूर्वक बेदखल किया जाए। तब कही जाकर इस पर अंकुश लग पाएगा। कुछ बाहरी एवं जिले के अतिक्रमणकारियों द्वारा नवीन दावे करवाकर वनअधिकार का पट्टा मिलने की लालच में केवल अपना नाम वन अपराध में दर्ज करने हेतु वनों की कटाई की जा रही है।
नरम रवैया चिंताजनक
ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान में नावरा वन परिक्षेत्र में 140 लोगों द्वारा सामूहिक रूप से अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया था। गिरफ्तारी के बाद इनकी जमानत हो गई जिससे वन कर्मचारियों का मनोबल गिरा है क्योंकि ये वनों की निगरानी करते है उसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों एवं प्रशासन द्वारा नरम रवैया होने से निचले स्तर के मैदानी अमले का मनोबल गिर रहा है।
अतिक्रमणकारियों द्वारा झूठे आरोप लगाने की धमकी दी जाती है एवं महिलाओं से छेड छाड करने का आरोप भी लगाया जाता है। बिना किसी पूर्व जांच के बाहरी जिले से आए लोगों को आसानी से प्रशासन द्वारा मतदाता पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड एवं जॉब कार्ड उपलब्ध कराये जाते है जिससे उन्हे वन भूमि पर दावे प्रस्तुत करने में आसानी होती है।