राजगढ़। मध्यप्रदेश मे एक स्कूल में खोदे जा रहे टयूबवैल में से रात करीब एक बजे पानी की जगह आग निकलने लगी। यह देख सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए और देखते ही देखते लोगों का जमावड़ा लग गया।
जानकारी लगने के बाद खिलचीपुर टीआई एलडी वैष्णव मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को जगह से दूर रहने की समझाइश दी। हालांकि बाद में ग्रामीणों ने टयूबवैल को रेत और टाट पट्टी डाल कर बंद कर दिया। इसके बाद भी करीब तीन से चार घंटे तक लगातार आग की लपटें उठती रही।
7-8 फीट ऊंची गई लपटें
खिलचीपुर से करीब दस किमी दूर स्थित जैतपुरा गांव में बुधवार रात एक स्कूल में टयूबवैल खनन किया जा रहा था। इसमें से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। आग की लपटें करीब सात से आठ फीट तक ऊंची जा रही थीं। इन लपटों को देखने के लिए रात के समय ही दर्जनों लोग एकत्रित हो गए। मामले की जानकारी प्रशासन को दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टयूबवैल को बंद कराया।
दो साल में तीसरी घटना
जैतपुरा गांव में टयूबवैल से आग निकलने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले भी दो बार टयूबवैल खनन में आग निकलने का मामला सामने आ चुका है। बार-बार इस तरह की घटनाओं को देखते हुए ग्रामीणों का कहना है कि जैतपुरा में ज्वलनशील पदार्थो के भंडार हो सकते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि क्षेत्र का सर्वे कराते हुए यहां खुदाई भी की जाए। जिससे की मामला स्पष्ट हो सके।
क्या कहते हैं अधिकारी
सूचना मिलने के बाद मैं रात के समय ही गांव में पहुंच गया था। ग्रामीणों को समझाया गया है। इसके साथ ही टयूबवैल के पास जमा भीड़ को वहां से दूर किया। इसके बाद टयूबवैल को बंद कराया गया।
एलडी वैष्णव, टीआई खिलचीपुर
जैतपुरा गांव मालवा और राजस्थान की सीमा का जोड़ है। इसके कारण यहां भूगर्भीय हलचल होती रहती है। इससे पहले भी वहां इस तरह की घटना सुनने में आई थी लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है। ऎसे स्थानों पर ज्वलनशील के साथ ही जहरीले गैसें भी निकलती है। हो सकता है एक-दो दिन में और ऎसा देखने में आए। लेकिन यह घटना लंबे समय नहीं चलेगी।
दिनेशकुमार पोल, भू-वैज्ञानिक राजगढ़