भोपाल। राजधानी की प्रतिष्ठित संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष एवं हुजूर विधान सभा क्षेत्र के विधायक श्री रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में कलियासोत तैरह फाटक भोपाल से माँ नर्मदा जयंती के शुभ अवसर पर एक पद यात्रा का शुभारंभ किया गया।
पद यात्रा में शामिल स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं नागरिकों को सम्बोधित करते हुए श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि शहर की नदियाँ, झीलें और तालाब हमारे पूर्वजों की धरोहर है। राजा भोज के समय राजधानी में लगभग 356 जलस्रोत थे, जिसमें जनसंख्या के बढ़ने के साथ-साथ जलस्रोतों का दुरूपयोग किया जा रहा है जिसमें शहर की गंदगी, पन्नीयों का कचरा डाले जाने से जलस्रोत लुप्त होते जा रहे है। अतः नगर के जलस्रोतों को बचाने के लिये उनके संरक्षण एवं विकास की आवश्यकता है इसके लिये शहरवासियों में जन जागृति पैदा करने हेतु यह पद यात्रा हर माह की 6 तारीख को की जावेगी। प्रथम चरण में यह यात्रा कोलार नगर के चारों ओर बहने वाली कलियासोत नदी के पथ पर गई।
माँ नर्मदा की जयंती पर पद यात्रा के शुभारम्भ का उद्देश्य:-
‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष श्री शर्मा ने पद यात्रा के आरम्भ पर माँ नर्मदा की पूजा अर्चना की और उन्होंने बताया की जलस्रोत के संरक्षण हेतु संघर्ष आरंभ करने के लिए नर्मदा जयंती का पावन दिन इसलिए चुना गया क्योंकि जीवनदायनी माँ नर्मदा स्वयं संघर्ष का प्रतीक है। देश की अन्य नदियों से विपरीत दिशा में बहकर संघर्ष की प्रेरणा देती है। माँ नर्मदा प्रदेश के लिए जीवन दायिनी है एवं उन्नति तथा खुशहाली की प्रतीक है।
कलियोसोत नदी के किनारे ग्रीन-काॅरीडोर विकसित किये जाने की आवश्यकता:-
विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने बताया कि गुजरात में साबरमती नदी प्रोजेक्ट की तरह कलियासोत नदी के किनारे ग्रीन-काॅरीडोर विकसित किये जाने की आवश्यकता है। जिसका मुख्य उद्देश्य नदी को प्रदूषण से बचाना है। कलियासोत नदी राजधानी के मंडीदीप, कोलार क्षेत्र,चूनाभट्टी आदि स्थानों से होकर बहती है। इसके आसपास के क्षेत्रों में ग्रीन-काॅरीडोर विकसित किया जाना चाहिये। जिसके लिये पर्यटन स्थल, पार्क इत्यादि का निर्माण किया जावे। जिससे नदी के आसपास स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण का बनें।
पद यात्रा में स्थानीय जन प्रतिनिधियों में मुख्य रूप से सर्वश्री ताराचंद मारण, बी.एस. वाजपेयी, रविन्द्र यति, श्याम मीणा, दिनेश यादव, भूरा यादव, पवन बोराना, संजय श्रीवास्तव, पार्षद अमित शुक्ला, शोभा सिकरवार, ममता राठौर, मधु मनेरिया, आशा मिश्रा, उमाकांत दीक्षित, दीपक माथुर, महेश लोधी, राकेश भदौरिया, वरूण वाजपेयी, तोता राम, जमना यादव, गेंदालाल, गोविन्द, मुकेश तोमर, बबलू, मनोज कामवार, अजीत कृष्णाराम, पहलवान सिंह, कपूर जी, अरूण गोस्वामी, शेलेन्द्र भारती, रत्नेश उपाध्याय, प्रशांत शर्मा, चंद्रशेखर सिंह, बंटी, रेखा सेन, राजू यादव, रम्मू पटेल, गोलू, आनंद मालवीय, सौरभ दुबे, पिंटू, शहीद, गोवर्धन, महेश मीणा, राधेलाल, वीरेन्द्र राजपूत, आशुतोष अरजरिया, लक्ष्मी, अशोक योगी, भवानी रायकवार, डी.के.साहू के साथ-साथ भारी संख्या में स्थानीय नागरिक शामिल हुए।