नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी चाहता है कि कर्मचारी पेंशन कोषों में रखे धन का एक हिस्सा म्युच्युअल फंड योजनाओं में लगाया जाए। सेबी चाहता है कि विशेषकर 6,500 रुपए प्रतिमाह से अधिक कमाने वाले तथा 40-45 साल से कम आयु के निवेशकों का पैसा इन योजनाओं में लगाया जाए।
सेबी चाहता है कि ईपीएफओ के प्रबंध अधीन लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपए के कोष का एक हिस्सा म्युच्युअल फंड क्षेत्र को गति देने के लिए लगाया जाए। सेबी का मानना है कि उम्र संबंधी बंधन के चलते निवेशक अपनी सेवानिवृत्ति के निकट के सालों में 'अनावश्यक जोखिमों' से बचे रहेंगे।
इसके अलावा आय संबंधी प्रतिबंधों के चलते कम आय वाले कर्मचारी भी पूंजी बाजार से जुड़े संभावित जोखिमों से बच सकेंगे।
सेबी एक नई दीर्घकालिक म्युच्युअल फंड नीति को अंतिम रूप दे रहा है जिसके तहत नियामक शीघ्र ही सरकार से ईपीएफओ कोष का एक भाग एमएफ योजनाओं में लगाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कहेगा।
इस नीति को सेबी के निदेशक मंडल की मंजूरी मिल चुकी है और यह शीघ्र ही अधिसूचित होगी। (भाषा)