भोपाल।। राजस्थान उच्च न्यायालय ने अहम फैसले में कहा है कि सौतेला पुत्र भी अनुकम्पा नियुक्ति पाने का अधिकारी है। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने उदयपुर के महेन्द्रसिंह चौधरी की ओर से दायर रिट याचिका को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक माह में नियुक्ति देने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि कार्मिक विभाग द्वारा सौतेले पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधानों के तहत मृत सरकारी कर्मचारी का पुत्र नहीं मानना विधिसम्मत नहीं है। कोर्ट का मानना था कि याचिकाकर्ता के पिता जमनालाल की पहली पत्नी की मृत्यु पर उसके द्वारा जमना बाई से विवाह करने से उनकी पूर्व पत्नी के पुत्र भी जमना बाई के ही पुत्र कहलाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि एक तरफ विभाग ने उसकी मां जमना की मृत्यु पर उसके पेंशन व अन्य परिलाभ उसके पुत्र याचिकाकर्ता को अदा किए हैं तथा सक्षम न्यायालय ने याचिकाकर्ता को उसका उत्तराधिकारी माना है तो उसे नियुक्ति से इनकार करना अनुचित है।