भाटिया ग्रुप के आफिसों पर CBI का छापा, 100 करोड़ का गोलमाल

नई दिल्ली/इंदौर। एनटीपीसी और एनएसपीसीएल को इंडोनेशिया के घटिया श्रेणी के कोयले आपूर्ति करने का भंडाफोड़ करते हुए जांच एजेंसी सीबीआई ने शनिवार को इंदौर सहित कोलकाता, मुंबई, गांधीनगर और जामनगर में छापे मारे।

सीबीआई का कहना है कि इस घोटाले में सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इस पूरे मामले की कड़ी इंदौर की भाटिया ग्रुप ऑफ कंपनीज है, जो फिलहाल एशियन नेचुरल रिर्सोसिज इंडिया लिमिटेड के नाम से काम कर रही है। इसकी एक शाखा भाटिया इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड के नाम से सिंगापुर में भी है।

2011-13 के बीच हुआ घोटाला
सीबीआई के अनुसार, यह घोटाला वर्ष 2011-13 के बीच हुआ। जांच एजेंसी ने इस सिलसिले में दो एफआईआर भी दर्ज की हैं। इसमें एनटीपीसी ऊंचाहार, रायबरेली के एडिशनल जनरल मैनेजर एके श्रीवास्तव, डिप्टी मैनेजर उमाशंकर वर्मा, भिलाई एनसीपीसीएल के मैनेजर पीसी गुप्ता और केमिस्ट एम रमेशबाबू समेत भाटिया ग्रुप के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ऎसे किया घोटाला
एनटीपीसी और एनएसपीसीएल को ठगने की मंशा से भाटिया ग्रुप के अधिकारियों ने एनटीपीसी और एनएसपीसीएल के अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा।
दोनों कंपनियों ने नॉन कुकिंग कोयला इंडोनेशिया से आयात किया, जिसे कागजातों में बेहद उम्दा किस्म का बताया गया, सिंगापुर स्थित भाटिया ग्रुप कंपनी ने इसकी आपूर्ति की।
घटिया किस्म वाले जिस कोयले की कीमत कौडियों में भी नहीं थी, उसे सागर मार्गो से भारत लाकर अलग-अलग बिलों के जरिए बेहद महंगा दिखा दिया गया।
इस कोयले को रायबरेली के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी प्लांट ने 23.16 करोड़, जबकि भिलाई के एसपीसीएल के प्लांट ने 92.91 करोड़ में खरीदा।
इस कोयले से कोई उत्पादन नहीं हो सका, इसलिए एनटीपीसी को 23.16 करोड़ का, एसपीसीएल को 92.91 करोड़ का नुकसान हुआ, कुल नुकसान 116.07 करोड़ का हुआ।
सीबीआई का कहना है कि इस घोटाले में कुछ और भी कंपनियां शामिल हैं, जिनका खुलासा जल्द किया जाएगा। अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

घूस में सोने की ईटें देने से चर्चा में आया था भाटिया समूह
भाटिया समूह पर पहले भी सीबीआई छापे की कार्रवाई कर चुकी है। तब यह समूह नालको के सीएमडी को सोने की ईंट बतौर घूस देने के बाद चर्चा में आया था। फिलहाल यह मामला विचाराधीन है और भाटिया कोल के कर्ताधर्ता सुप्रीम कोर्ट से जमानत ले चुके हैं।

सेवाकर की चोरी का आरोप
10 दिसंबर 2013 को डीजीसीईआई ने भाटिया कोल के 8 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। यहां सेवाकर की चोरी सामने आई। कंपनी ने 25 लाख रूपए का चेक विभाग को जमा भी करवाया है। मामला फिलहाल विचाराधीन है।

आयकर की भी चोरी
भाटिया कोल कॉरपोरेशन पर आयकर विभाग ने भी छापे की कार्रवाई की थी। यहां से 70 करोड़ रूपए से अधिक की टैक्सचोरी उजागर हुई थी। इस मामले में भाटिया समूह किस्तों में आयकर का भुगतान कर रहा है।

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