भोपाल। जेल प्रशासन कितना संवेदनशील है, यह उसकी बानगी है, कि तीन साल बाद पकड़ में आने वाले बलात्कार के आरोपी की अस्पताल में पहरेदारी महिला प्रहरियों के हवाले है। वह भी तब,जब आरोपी मानसिक रोगी भी है, जिसके चलते महिला प्रहरियों की जान सांसत में बनी रहती है।
गौरतलब होगा कि बलात्कार के आरोप में उमरिया जिले के गुड्डू उर्फ अभिलाष उरमलिया (20 वर्ष) बीते 20 दिसंबर,13 से जेल में है। आरोपी की जेल में तबीयत बिगड़ने और ऊटपटांग हरकतें करने के कारण हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां कैदी पर चौबीस घंटे नजर रखने और तीमारदारी के लिए आधा दर्जन प्रहरी तैनात किए गए हैं, जिनमें से तीन महिला प्रहरी हैं। इस तरह 24 घंटे की तीन पालियों में हर आठ घंटे के लिए एक पुरुष और एक महिला प्रहरी की तैनाती रहती है।
नहीं हो सकती महिला प्रहरी की तैनाती
महिला प्रहरियों की पुरुष कैदियों के वार्ड या कैदियों के साथ अन्य कहीं भी तैनात करने का प्रावधान जेल मैन्युअल में नहीं है। क्योंकि पुरुष कै दियों के हिंसक होने और अशालीन बर्ताव करने की आशंका रहती है। कभी कभार कार्यालयीन कार्यों के लिए महिला प्रहरियों को अस्थायी तौर पर रख लिया जाता है।