भोपाल। सीहोर कोतवाली से दो पिस्टल गायब हो गए हैं। इनमें से एक पिस्टल पूर्व भाजपा विधायक के बेटे की और दूसरी वर्तमान निर्दलीय विधायक की बताई जा रही है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की है।
गौरतलब होगा कि, चुनाव पूर्व लाइसेंसी हथियार जमा करवाए जाने के तहत सीहोर कोतवाली में 538 लाइसेंसी हथियार जमा करवाए गए थे। इनमें सिंगल और डबल बैरल 12 बोर की बंदूकें, 315 बोर की राइफलें और पिस्टल थीं। चुनाव समाप्त होने के बाद आचार संहिता खत्म होते ही जमा करवाए गए लाइसेंसी हथियार वापस करने का दौर 20 दिसंबर,13 से शुरु किया गया। सूत्रों की माने तो इसी दौरान पता चला कि, थाने के मालखाने में रखे 538 में से सिर्फ 536 हथियार ही हैं। थाने में सीलबंद रखे होने के बाद भी दो पिस्टल गायब है। इनमें से एक पिस्टल पूर्व सीहोर भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक मदनलाल त्यागी के बेटे राकेश त्यागी और दूसरी पिस्टल वर्तमान निर्दलीय विधायक सुदेश राय की बताई जा रही है।
जानकारी से इंकार
पूर्व भाजपा विधायक मदनलाल त्यागी ने पीपुल्स समाचार से बातचीत में स्वीकार किया कि, उनके बेटे राकेश के नाम से पिस्टल का लाइसेंस हैं। इस पिस्टल को चुनाव से पहले कोतवाली में जमा किया गया था। उन्होंने कहा कि, पिस्टल की वापसी संबंधी किसी भी तरह की जानकारी नहीं है, इस बारे में अपने बेटे से दरयाफ्त करेंगे। इसी संबंध में वर्तमान विधायक सुदेश राय से संपर्क करने की कोशिश करने पर पता चला कि, राय विदेश यात्रा पर हैं, ऐसे में पिस्टल के बारे में सही जानकारी उनके वापस आने के बाद ही मिल सकेगी।
गुपचुप क्रास चेक में जुटी पुलिस
सूत्रों की माने तो थाने से पुलिस की अभिरक्षा से दो पिस्टल गायब होने का पता लगते ही हडंकप मच गया और गुपचुप ढंग से हथियार ले जाने वालों से क्रास चेक किया गया। इसके साथ ही आर्म्स डीलर से भी संपर्क साधा गया। हालांकि, अभी तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं।
अफसरों ने किया इंकार
पूर्व और वर्तमान विधायक की पिस्टल गायब होने के बारे में जब सीहोर एसपी रमन सिंह सिकरवार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल आउट आफ कवरेज था। सीएसपी आरएस डंडौतिया से भी संपर्क नहीं हो सका। एडीशनल एसपी अमित सक्सेना के अनुसार वह अवकाश पर हैं, जिसके कारण इस मामले की जानकारी नही है। इस पर बाद में बात करेंगे।
पूर्व में भी हो चुकी है मिसिंग
सीहोर कोतवाली से करीब पंद्रह साल पहले भी रिवॉल्वर गायब हो चुकी है। वाकया 1992 का है, तब बाबरी कांड के कारण फैले तनाव के चलते लॉ एंड आर्डर मेंटेन करने के लिए फोर्स और अधिकारियों को रिवॉल्वर इशू किए गए थे। इस दौरान जारी करने और जमा करने की गडबडी के चलते एक रिवॉल्वर मिसिंग हो गई, जिसके लिए तत्कालीन एएसआई ओडी मिश्रा पर गाज गिरी। इस पर सालों तक जांच चली थी और मिश्रा भी इस दौरान सस्पेंड रहे थे। हालांकि, बाद में मिश्रा पाक साफ पाए गए और थाने के स्टाफ ही दोषी पाया गया था।