सिर्फ कानून नहीं मंशा को भी “अपडेट” करें,शिवराज जी !

राकेश दुबे@प्रतिदिन। मध्यप्रदेश के लोकायुक्त श्री पी पी नावलेकर ने राज्य सरकार को लोकायुक्त कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं| लोकायुक्त कानून की तरह ही प्रदेश में और भी कई कानून है जिन्हें अद्यतन करने की जरूरत है|

ऐसे अनेक अवसर आये हैं, जब सरकारों की मंशा कुछ ओर रही है और कानून का दायरा कुछ और इस कमी का सर्वाधिक लाभ समाज के अर्थसमर्थ तबके ने सबसे ज्यादा उठाया है| जैसे भूमि और राजस्व सम्बन्धी कानून , आबकारी कानून आदि|

वर्तमान लोकायुक्त कानून को ही ले, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार पर जीरो टालेरेंस की बात करते आए हैं। लेकिन राज्य के लोकायुक्त पी पी नावलेकर का कहना है कि  कानून लोकायुक्तों के पास भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के भरपूर अधिकार नहीं हैं। जिससे मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग सकती है। प्रदेश के लोकायुक्त कानून  में अभी एमएलए, राज्यसभा सदस्य शामिल नहीं है। जबकि लोकपाल में एमएलए, राज्यसभा सदस्य को शामिल किया गया हैं। जिससे लोकपाल भ्रष्टाचार संबंधी कोई शिकायत मिलने पर उनकी जांच कर सकेगा। वैसे ही प्रदेश  के लोकायुकत कानून में एमएलए को शामिल होना चाहिए क्योंकि सरकार विधायकों को लोगों के हित में कार्य करने के लिए धन  देती है।

कानून या नीति  बनाने और लागु करने के पहले उस पर समग्र विचार होना चहिये| विचार न होने पर सरकार को अपने कदम वापिस लेना होते हैं, जैसे शिवराज सरकार को आबकारी नीति बदलते समय हाल ही करना पड़ा है|


भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!