हाईकोर्ट ने मप्र शासन को कहा मनमाड़-इन्दौर रेलमार्ग पर निर्णय लो

इन्दौर। बहुचर्चित मनमाड़-इन्दौर रेलमार्ग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए डबल बेंच, के विद्वान न्यायाधीश मा. शांतनु केमकर एवं मा. एम.जी. गर्ग ने मध्यप्रदेश शासन को आदेशित किया है कि अब इस मामले में और लापरवाही ना करें, शीघ्र एवं ​उचित निर्णय लें।

महाराष्ट्र सरकार को इस बात को लेकर पक्षकार बनाने के निर्देश रेलवे के कहने पर दिये कि, पूर्व में महाराष्ट्र सरकार इस मामले में अपने हिस्से की राशि देने को तैयार था किंतु माननीय न्यायालय द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी की दिल्ली रेलवे भवन में संपन्न मिटिंग में अपने हिस्सेदारी के तहत अपने क्षेत्र की जमीन की राशि को इसमें जोड़ने की बात कही।

इसी तरह माननीय न्यायालय ने मध्यप्रदेश के अधिवक्ता के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार को इतने बड़े जनहित के मामले में शीघ्र उचित निर्णय नही लेने को लेकर फटकार लगाते हुए प्रदेश के तीन वरिष्ठ जिम्मेदार अधिकारियों को जिसमें प्रमुख सचिव, वित्त सचिव व परिवहन सचिव को संयुक्त मिटिंग कर इस मामले में शीघ्रतिशीघ्र उचित निर्णय लेने को कहा कि, इस जनहित से जुड़े रेलमार्ग के निर्माण में आने वाली प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी की बाधा दूर कर शीघ्र निर्माण हो सके।

याचिकाकर्ता मनोज मराठे ने बताया कि प्रतिवर्ष रेल बजट में इस मामले को केवल पी.पी. के आधार पर मंजूरी देकर रेल मंत्रालय इतिश्री कर लेता है, और योजना आयोग राज्यों के हिस्सेदारी के नाम पर इसमें अड़ंगे लगा रहा है, साथ ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चार करोड़ से अधिक जनता व मनमाड़ से इन्दौर तक लगभग पूरा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं । यदि यह रेलमार्ग शीघ्र बनता है तो  आनेवाले समय में प्रदेश के संपूर्ण खरगोन-बड़वानी, धार व महाराष्ट्र के आदिवासी जिले धुलिया, नासिक व जलगांव के संपूर्ण आदिवासी क्षेत्र के वारे-न्यारे होंगे वहीं प्रतिदिन रेल को 3600 कि.मी. दूरी कम तय करना होगी, जिससे मात्र तीन वर्षों में रेल को इसकी लागत का पैसा वसूल हो जायेगा। 

आज माननीय न्यायालय में हुई सुनवाई में रेलवे की ओर से अधिवक्ता श्री आनंद पाठक ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपने हिस्सेदारी का शेयर देने की स्वीकृति के साथ जमीन के मूल्यांकन के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृति देने की बात कही थी, जिसे लेकर उसे पक्षकार बनाने का मुद्दा रेलवे द्वारा उठाने पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर पक्षकार बनाने हेतु अनुमति देने का आवेदन प्रस्तुत करने व रिजाइन्डर पेश करने का समय दिया तो मध्यप्रदेश शासन ने अपनी स्थिति पूर्णतः स्पष्ट नही की इसलिये प्रदेश के उच्च अधिकारियों को शीघ्र सहयोगात्मक रवैया अपनाने को लेकर अतिरिक्त अधिवक्ता को निर्देश दिये । साथ ही प्रदेश सरकार ने अपना मत समय चाहने पर माननीय उच्च न्यायालय ने फरवरी के तीसरे सप्ताह में याचिका पर अगली सुनवाई का समय तय किया है ।

याचिकाकर्ता ने रोष व्यक्त किया कि निमाड़ मालवा के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि  यदि समय रहते प्रदेश सरकार से इस मामले को लेकर उचित पहल करते तो इस क्षेत्र में तत्काल रेल सुविधा उपलब्ध हो सकती है । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक श्री टी.एन. सिंह व सुश्री हेमलता गुप्ता ने की, रेलवे की ओर से श्री आनंद पाठक व मध्यप्रदेश शासन की ओर से पैरवी मनोज द्विवेदी ने की।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!