भोपाल। संविदा नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों को अस्थिर एवं अंधकार भरे भविष्य की ओर ले जा रही मध्यप्रदेश सरकार ने अब एक नया पैंतरा खेलने का मन बनाया है। वो संविदा नियुक्ति देने से पहले बेरोजगारों से स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाएगी।
विभाग के सचिव मनीष रस्तोगी ने यह ड्राफ्ट सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को भेजा है। सेवा शर्तों के ड्राफ्ट में यह भी जिक्र है कि किसी भी संविदाकर्मी को 13 दिन का आकस्मिक अवकाश (सीएल) और तीन दिन का अर्जित अवकाश (ईएल) ही दिया जाएगा।
अभी तक यह है व्यवस्था
अभी विभाग अपने स्तर पर ही बनाई गई सेवा शर्तों के आधार पर ही संविदा कर्मचारियों से काम ले रहे हैं। इनमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, राज्य शिक्षा केंद्र, स्वास्थ्य विभाग आदि शामिल हैं। इन विभागों ने ईएल और सीएल की अवधि भी अपने स्तर पर ही तय की हुई है।
संविदा कर्मचारियों ने किया विरोध
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर ने वित्त विभाग की सेवा शर्तों का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा ड्राफ्ट तैयार करने से पहले संविदा कर्मियों से भी राय लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो फरवरी में प्रदेश के सवा दो लाख संविदाकर्मी सड़क पर आकर इसका विरोध करेंगे।