भोपाल। फार्मेसी काउंसिल से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कराने के विरोध में सोमवार से प्रदेशभर के कम्पाउंडर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कम्पाउंडर सुबह अस्पताल तो पहुंचे, लेकिन उपस्थिति दर्ज कराके लौट गए।
हेल्थ एंड मेडिकल एजुकेशन एम्पलाइज एसोसिएशन के आह्वान पर कम्पाउंडरों की हड़ताल के कारण सोमवार को मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दोपहर 1.30 बजे तक दवा वितरण केंद्रों पर भीड़ लगी रही। सबसे बड़ी परेशानी यह हुई कि दवा वितरण की जिम्मेदारी रोगी कल्याण समितियों ने संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को सौंपी थी, जिन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती। इसके कारण कई मरीजों को गलत दवाएं बांट दी गईं।
सरकार ने फार्मेसी एक्ट के तहत कम्पाउंडरों का फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया है। ऐसा न करने पर 6 माह की सजा या 1000 रुपए जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। इस एक्ट के चलते कम्पाउंडर नाराज हैं। मप्र में करीब 1000 कम्पाउंडर हैं, जिनमें से ज्यादातर पुराने हैं। ये इस एक्ट में फिट नहीं बैठते यानी इनका रजिस्ट्रेशन संभव नहीं हो सकता।