भोपाल। भले ही वो राजस्व विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर हों परंतु पर्दे के लिए तो वो करोड़पति कारोबारी निकले। उन्होंने अपनी काली कमाई को कारोबारों में लगाया और लगाते ही जा रहे थे कि लोकायुक्त का छापा पड़ गया। शुरूआती जांच में उनके यहां से 60 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली है, अभी एक बंद कमरे की तलाशी बाकी है।
कई बार मिली शिकायतें
लोकायुक्त की टीम ने गुरूवार सुबह एसपी सिद्धार्थ चौधरी की अगुवाई में द्विवेदी के भोपाल स्थित घर समेत अन्य ठिकानों पर एक साथ छापा मारा. लोकायुक्त पुलिस को उनके बारे में आय से अधिक संपत्ति होने के बारे में कई शिकायतें मिल रही थीं. शुरूआती जांच में ही साठ करोड़ से अधिक की संपत्ति मिलने का खुलासा लोकायुक्त पुलिस के दल ने किया है. आगे की जांच जारी है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई में एक अन्य सरकारी कर्मचारी की करोड़ों की संपत्ति सामने आई थी.
सामने आए फैक्ट्री, होटल और हॉस्टल के कागज
एसपी का कहना है कि उनका दल अभी द्विवेदी के उस कमरे तक नहीं पहुंच पाया है जहां सोना चांदी और नकदी रखा हुआ है. टीम को जांच में भोपाल में एक होटल तथा दो कारखाने होने की जानकारी मिली हैं. इसके कागजात जब्त कर लिए गए हैं. इसी प्रकार मंडीदीप में भी एक कारखाना होने की पुष्टि हुई है. द्विवेदी इलेक्ट्रिक फेब्रिकेशन के नाम से चल रहे इस कारखाने की कीमत 25 करोड़ आंकी जा रही है.
आय के तरीकों की जांच शुरू
भोपाल में एक निर्माणाधीन हॉस्टल के बारे में भी कागजात मिले हैं. द्विवेदी इस हॉस्टल का निर्माण करा रहे हैं. इसके अलावा एमपी नगर में एक होटल के साथ ही भोपाल में कई फ्लैट मिलने के बारे में भी जानकारी लोकायुक्त पुलिस को मिली है. भोपाल तथा आसपास के गांवों में कई एकड़ जमीन होने के बारे में भी दस्तावेजी सबूत मिले हैं. साठ करोड़ की संपत्ति मिलने के साथ ही पुलिस आय के तरीकों के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है. छापे में 22 अचल संपत्तियों के कागजात सामने आए हैं। खबर लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी.