भोपाल। राज्य सरकार के एक आदेश ने भाजपा के करीब एक हजार नेताओं का रसूख छीन लिया है। वे लालबत्ती के अलावा मिलने वाली सरकारी सुख सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को विधिवत आदेश जारी कर विभिन्न उपक्रमों, प्राधिकरणों और परिषदों में राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी है।
वैसे तो निगम-मंडलों के करीब ढाई सौ लोग प्रभावित हुए है लेकिन विभिन्न समितियों और अन्य संस्थाओं में ऐसे लोगों की संख्या करीब साढ़े सात से ज्यादा है, जो बहुत कम चर्चाओं में रहते हैं। प्रदेश में किसी भी दल की सरकार रही हो, वह अपने नेताओं को विभिन्न निगम-मंडलों और उपक्रमों में राजनीतिक नियुक्तियां कर उन्हें उपक्रम करती है। इसी तरह भाजपा सरकार ने करीब एक हजार लोगों की विभिन्न संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्तियां की की थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने राजनीतिक नियुक्तियां रद्द करने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को इसके विधिवत आदेश जारी किए गए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि निगम- मंडलों, प्राधिकारिणों, समितियों, परिषदों और उनके संचालक मंडलों में अशासकीय सदस्यों का मनोनयन और नियुक्तियां समाप्त कर दी गई है।
नए सिरे से मनोनयन और नियुक्तियां होने तक इन निगम-मंडल, प्राधिकरण, समिति एवं परिषद के प्रशासकीय, वित्तीय एवं सामान्य कार्य संचालन के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। निगम-मंडल के अध्यक्ष का कार्यभार संबंधित विभाग के भारसाधक मंत्री को सौंपा गया है। विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का कार्यभार यथास्थिति क्रमश: संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इसके अलावा प्रशासकीय विभाग के तहत गठित समिति और परिषद के अध्यक्ष का कार्यभार संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को दिया जाएगा।