NIFT के ज्वाइंट डायरेक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप

भोपाल। भोपाल के राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (एनआईएफटी) के ज्वाइंट डायरेक्टर पर संस्थान की ही तीन महिला प्रोफेसर और सात छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

इसकी शिकायत संस्थान के उच्च प्रबंधन के अलावा राज्य महिला आयोग में भी की गई है।  शिकायत के बाद अब कोठारी को जोधपुर एनआईएफटी भेज दिया गया है। शिकायत अनसुनी करने वाले संस्थान के डायरेक्टर एमपी निगम को भी उनके मूल विभाग में भेजा गया है। इधर, आयोग ने कोठारी को नोटिस जारी कर 11 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में तलब किया है।

प्रबंधन को नहीं सीधे आयोग को भेजी जाएगी रिपोर्ट
एनआईएफटी के डायरेक्टर यूएस टोलिया ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। संस्थान के ज्वाइंट डायरेक्टर ब्रिजेश देवरे ने बताया कि संस्थान में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 के तहत गठित जांच समिति अपनी रिपोर्ट सीधे महिला आयोग को सौंपेंगी। इस कानून में जांच रिपोर्ट सीधे आयोग को दिए जाने का प्रावधान है।

चेंबर में बुलाकर अश्लील हरकतें
एनआईएफटी की प्रोफेसर और छात्राओं का आरोप है कि कोठारी हर रोज उन्हें चेंबर में बुलाते थे। फिर चेंबर में अकेला पाकर उनसे अश्लील बातें करते थे। बात-बात में उन्हें छूने की कोशिश करते थे। अश्लील इशारे करते थे। पहले तो उन्होंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन कोठारी रोजाना ये हरकतें दोहराते रहे।

किसी ने नहीं सुनी शिकायत, कहा चुप रहो
छात्राओं ने महिला प्रोफेसरों को ज्वाइंट डायरेक्टर की करतूतें बताई। इसके बाद प्रोफेसरों व छात्राओं ने इसकी शिकायत तत्कालीन डायरेक्टर एमपी निगम से की। निगम ने उन्हें चुप रहने को कहा। फिर छात्राओं व प्रोफेसरों ने संस्थान के दिल्ली स्थित मुख्यालय में शिकायत की। मुख्यालय ने भी शिकायत में कोई दिलचस्पी नहीं ली।

महिला आयोग पहुंची छात्राएं
सुनवाई नहीं होने पर महिला प्रोफेसर व छात्राओं ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में राज्य महिला आयोग को शिकायत की। आयोग ने नोटिस जारी किए तो प्रबंधन ने तिलहन संघ से एनआईएफटी में प्रतिनियुक्ति पर आए डायरेक्टर निगम को वापस उनके मूल विभाग में भेज दिया। पिछले हफ्ते कोठारी का तबादला जोधपुर कर दिया गया।

जांच में शिकायत सही पाई गईं
संस्थान की सेक्सुअल हैरसमेंट कमेटी ने मामले की जांच शुरू की। कमेटी के प्रोफेसर समीर सूद और इंस्टीट्यूट की स्टूडेंट डवलपमेंट एक्टिविटी कोआर्डिनेटर प्रोफेसर विशाखा अग्रवाल का कहना है कि शुरूआती जांच में शिकायत सही पाई गई है।  एनआईएफटी के डायरेक्टर यूएस टोलिया ने भी संस्थान में यौन उत्पीड़न की शिकायत की पुष्टि की है।

आरोप गलत, कोई नोटिस नहीं मिला
मुझे नहीं मालूम कि मेरा तबादला क्यों किया गया है। सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोप निराधार है । मेरे पास अब तक दिल्ली मुख्यालय से कोई नोटिस नहीं आया है। न ही मध्यप्रदेश महिला आयोग ने इस संबंध में कोई नोटिस भेजा है। नोटिस मिलने पर मैं जवाब दूंगा।
बसंत कोठारी
ज्वाइंट डायरेक्टर, जोधपुर एनआईएफटी

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