भोपाल। मानसरोवर नर्सिग कॉलेज के तत्कालीन वाइस प्रिंसिपल प्रणीत जैन पर यौन प्रताड़ना के साथ ही और भी कई गंभीर आरोप लग गए हैं। छात्राओं का कहना है कि जैन उनसे जीवाजी विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की कॉपियां चैक करवाते थे।
पात्रता न होने के बावजूद उन्हें कई परीक्षाओं में पर्यवेक्षक बनाया जाता था। ऐसे काम न करने पर फेल करने की धमकी दी जाती थी। उन्हें बीडीएस की परीक्षा में अनुपस्थित उम्मीदवारों की जगह परीक्षा देने पर मजबूर किया जाता था। शुक्रवार को छात्राओं ने इस मामले की जांच के लिए डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय जांच कमेटी के सामने यह बातें कहीं।
छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में मान्यता के निरीक्षण के दौरान उन्हें पेशेंट और टीचर बना दिया जाता था। जूनियर्स को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी दी जाती थी। उन्हें वह विषय को पढ़ाने कहा जाता था जो उन्होंने खुद कभी नहीं पढ़ा। छात्राओं ने कहा कि जैन उन्हें लड़कियों की जासूसी करने के लिए विवश करते थे।
वे लड़कियों के सामने सरे आम जूतों से पीटने की धमकी देते थे। उन्होंने सभी स्टूडेंट से दस हजार रुपए मांगे थे। नहीं देने की स्थिति में उपस्थित कम बताकर परीक्षा में न बैठने देने की धमकी दी थी। जिसकी वजह से कुछ स्टूडेंट्स ने ज्वैलरी बेची तो किसी ने अपने मोबाइल बेचकर उन्हें रुपए दिए। डे-स्कालर स्टूडेंट्स ने बताया कि वे हॉस्टल में नहीं रहते थे इसके बावजूद उनसे हॉस्टल और मेस में खाने की फीस वसूली जाती थी।
आई लव यू कहा
जांच कमेटी को दो पीड़िताओं ने बताया कि प्रणीत उनसे फोन पर कहते थे कि तुम बहुत खूबसूरत हो, घर आ जाना। एक पीड़िता ने बताया कि वाइस प्रिंसिपल उसे कॉपी जांचने के लिए बुलाते थे और आई लव यू कहते थे। मप्र नर्सिग काउंसिल की रजिस्ट्रार एवं जांच कमेटी की प्रमुख अंगुरी सिंह का कहना है कि वे इस बात की जानकारी लेंगी कि ये शब्द यौन उत्पीड़न की परिभाषा में आते हैं या नहीं ।
संदेह के घेरे में प्रबंधन
अंगुरी सिंह का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। प्राचार्य डॉ. रत्नछाया सिंह से शनिवार को कुछ दस्तावेज लाने के लिए कहा गया था। उन्होंने केवल दो रसीदें लाकर दीं। वहीं मांगे गए दस्तावेज को उन्होंने मिसिंग बताया है। उनका कहना है कि जांच कमेटी स्टूडेंट्स के लिखित बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाकर सोमवार को डीएमई को सौंप देंगी।