आयकर सर्वे: bp foods gwalior ने किये 4.5 करोड़ सरेंडर

ग्वालियर। आयकर सर्वे के दौरान डबल त्रिशूल आटा निर्माता कंपनी बीपी फूड्स के संचालक पे्रम प्रकाश बंसल और रवि प्रकाश बंसल के कार्यालय घर, कारखाने की जांच में 32 घंटे की कार्यवाही के बाद 4.5 करोड़ रूपये सरेंडर कर दिये और कागजात जप्त कर लिये।

गौरतलव है कि चेम्बर आॅफ काॅमर्स के दीपावली मेला में कंपनी के संचालक के प्रायोजक बनने और चंदे में मोटी रकम देने के बाद आयकर विभाग की नजर इन पर पड़ी थी। सहायक आयुक्त आयकर अमर गहलोत के नेतृत्व में ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, इंदौर आदि स्थानों से आये अधिकारियों के दो दल बनाये गये एक साथ जीडी नगर स्थित घर और कारखाने पर सर्वे की कार्यवाही शुरू की गई। अधिकारी इस प्रकरण में पूरी राशि सरेंडर करवाने की योजना बना रहे थे। 

बंसल एग्रोटेक, बीपी फूड होल्डिंग्स प्रा.लि., बीपी फूड रिटेल मार्केटिंग, प्रा.लि. बीपी फूड प्रोडक्ट आदि नामों से व्यापार करते थे। जांच पड़ताल के बाद कम्प्यूटर हार्ड डिस्क एवं सभी दस्तावेजों को जप्त कर लिया गया है। आयकर विभाग रिटर्न टैक्स पर बारीकी से निगाह जमाये था। पिछले साल 30लाख का टैक्स चुकाया था, एडवांस टैक्स में भी लापरवाही बरती थी। जांच के दौरान गेंहूं खरीदी में भी दूसरी फर्मों का सहारा लिया गया स्वयं के प्लांट पर आटा तैयार कर बिना कागजी कार्यवाही के बेच दिया। 

स्थानीय मिलों से सस्ती दरों पर आटा खरीदकर अपने मार्का से बाहर भेजा। आटा कारोबारी ने रिश्तेदारों की फर्मों और कंपनियों में कमाई का हिस्सा लगाया है, कई संपत्तियों का खुलासा हुआ है विभाग ने ऐसे रिश्तेदारों की सूची तैयार कर ली है। आयकर सहायक आयुक्त अमर गहलोत ने बताया कि साढ़े चार करोड़ रूपये आटा व्यापारी ने सरेंडर किये हैं, लेनदेन के हिसाब में काफी गड़बड़ी मिली है, जानकारियां छिपाने के कारण विभाग कारोबारी के साथ नर्मी नहीं बरतेगा। कारोबारी से संबंधित अन्य संस्थाओं की जांच की जायेगी।

सड़कों पर दौड़ रहे खटारा वाहन
डबरा। सड़कों पर कस्बे एवं गांव में बसें, जीपें अन्य सवारी वाहन खटारा हालत में चल रहे हैं, जिनसे कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते, ऐस वाहन सवारियों की जान की परवाह किए बिना संचालक धड़ल्ले से चला रहे हैं कई बार रास्ते में ऐसे वाहन फैल हो जाते हैं, कई यात्री बसें मध्यप्रदेश परिवहन लिखकर राज्य परिवहन से संबंधित बताकर अधिक किराया धड़ल्ले से बसूल रही हैं। राज्य परिवहन कई साल पहले बंद हो चुका है, परंतु इस क्षेत्र में धड़ल्ले से उसकी बसें चल रही हैं। ड्रायवर, कंडेक्टर बगैर लायसेंस एवं क्षमता से अधिक सवारी भरकर खतरनाक ढंग से सवारियां ढोते हैं, छोटे वाहनों में क्षमता से कई गुना अधिक सवारियां भरी जाती है, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली बसें ग्रामीण क्षेत्रों में नहंी जातीं, जिससे ग्रामवासी परेशान रहते हैं।


भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!