नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंती नटराजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। सूत्रों ने कहा है कि और भी मंत्री इस्तीफा देंगे और कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल किया जाएगा।
फेरबदल की यह पूरी प्रक्रिया राहुल गांधी को 17 जनवरी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से पहले पूरी कर ली जाएगी। पार्टी ने राहुल गांधी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आधिकारिक तौर पर घोषित करने के ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई है। इसके प्रमुख एके एंटनी हैं। कमेटी के प्रस्ताव को 16 जनवरी को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मंजूरी दी जाएगी।
राष्ट्रपति भवन से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नटराजन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। नटराजन ने शनिवार को कहा कि मैंने लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के लिए काम करने की अपनी इच्छा जाहिर की। आलाकमान चाहे जिस भी स्तर की जिम्मेदारी दे। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम.वीरप्पा मोइली को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले और मंत्री जल्द इस्तीफा दे सकते हैं, क्योंकि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेदारियों में फेरबदल करने वाले हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आर.पी.एन. सिंह, कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट और बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नटराजन के तर्ज पर इस्तीफा दे सकते हैं।
पार्टी नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रियों, प्रदेशाध्यक्षों और महासचिवों को यह संदेश भिजवाया है कि जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे अपना पद छोड़ दें। महासचिव सीपी जोशी और शकील अहमद चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। पार्टी ने उनसे चुनाव पर ध्यान बढ़ाने को कहा है। उन्हें महासचिव पद से मुक्त किया जा सकता है।
हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद से ही संगठन में फेरबदल की चर्चा है। राहुल ने चुनाव परिणामों के बाद कहा था कि वे आम आदमी पार्टी (आप) से सीख लेंगे। आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर शानदार राजनीतिक शुरूआत की है।