बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रही है बैंडिट क्वीन

भोपाल। कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीतने वाली फिल्म ‘वुंडेड-द बैंडिट क्वीन’ के निर्देशक के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए रियल बैंडिट क्वीन सीमा परिहार कहती हैं फिल्मी दुनिया के लोग वादे के पक्के नहीं होते, जबकि डाकू जो वादा करता है उसे पूरा करता है।

यह फिल्म सीमा की रियल लाइफ पर बनी थी। वर्तमान आर्थिक तंगी से जूझ रहीं सीमा परिहार ने पीपुल्स समाचार से दूरभाष पर कहा कि फिल्म ‘वुंडेड-द बैंडिट क्वीन’ के निर्देशक कृष्णा मिश्रा ने पैसे देने के लिए कहे थे, लेकिन नहीं दिए। जबकि जब तक फिल्म बन रही थी और अवॉर्ड मिल रहे थे, तो वो हमेशा यह बात कहा करते थे।

पैसे देने की बात तो छोड़िए, आजकल अपने गांव औरैया (उप्र) के बिदियापुर में भाई और अपने बच्चो को पाल रहीं रहीं सीमा ने बताया कि लंदन में मिले मुझे दोनों अवॉर्ड तक के बारे में नहीं बताया, जो उनके पास रखे हुए थे।

दस्यु सुंदरी कर रही बच्चों की परवरिश
जिंदगी के हालात के बारे में पूछने पर सीमा कहती हैं कि उनकी जिंदगी हमेशा मुश्किलों भरी रही। 13 साल की थीं, तो डाकू उठा ले गए। किसी तरह जब बीहड़ों से बाहर निकलीं, तो भाई रामकुमार सिंह परिहार का गाजियाबाद में एनकाउंटर हो गया। मेरे पास कोई काम नहीं और ऐसे में भाई के तीन बच्चों और अपने दो बच्चों की परवरिश करना कितना मुश्किल हो सकता है? इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है।

पुलिस ने भी नहीं निभाया वादा
इटावा और कानपुर के बीच में एक जगह दिव्यापुर है, दो साल पहले वहीं मैं एक लड़के के साथ बस में थी। बस स्टैंड पर चार लड़के खड़े थे। मुझे देखकर अचानक अपशब्द कहने लगे। मैंने समझाने की कोशिश की, तो मुझसे बद्तमीजी करने लगे। ऐसे में मेरे साथ का लड़का उनसे बहस करने लगा। हाथापाई हो गई। मेरा मोबाइल वहीं गिर गया। मैंने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। यह वही पुलिस थी, जो आत्मसमर्पण से पहले मुझे घर और सुरक्षा देने की बात कहती थी।

अब खराब हो गई है बिग-बास की भाषा
रियलिटी शो बिग बॉस 4 प्रतिभागी रह चुकी सीमा परिहार बिग बॉस -7 में नहीं बुलाए जाने के सवाल पर कहती हैं कि वो किसी भी प्रतिभागी को दोबारा नहीं बुलाते हैं। वैसे, बिग बॉस में रहकर मुझे बहुत अच्छा लगा था और उन्होंने पैसा भी पूरा दे दिया था। लेकिन अब बिग बॉस की भाषा बहुत खराब हो गई है। ऐसी भाषा चाहे बीहड़ में बोली जाए या शहर में, अच्छी नहीं लगती है।

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