राजेश भारतीय/भोपाल। मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा के निर्देश पर उज्जैन के आर.टी.ओ. श्री एच.आर.रोहित को निलंबित कर दिया गया है।
आर.टी.ओ. को एक आवेदक को यात्री बस का परमिट (अस्थाई अनुज्ञा-पत्र) स्वीकृत करने में विलम्ब के लिए दोषी पाया गया। मुख्य सचिव ने जनता की जायज माँगों को लंबित रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि नागरिकों के आवेदनों को लंबित न रखा जाए, आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही की जाए।
मुख्य सचिव से भेंट के लिए प्रति गुरूवार आने वाले नागरिकों के आवेदनों पर कार्यवाही के दौरान यह मामला सामने आया। देवास के श्री जयप्रकाश शर्मा ने मुख्य सचिव को 28 नवम्बर 2013 को दिए गए आवेदन में शिकायत की थी कि उन्होंने पत्नी श्रीमती लता शर्मा के नाम पर तीन यात्री बस फायनेंस करवाई हैं जो संचालन के लिए खड़ी हैं। आर.टी.ओ. उज्जैन को बागली-देवास, देवास-हरदा मार्ग पर यात्री बस चलाने के लिए परमिट के लिए आवेदन किया गया था जो बिना ठोस कारण के लंबित रखा गया है।
मुख्य सचिव ने कमिश्नर उज्जैन श्री के.सी. गुप्ता को शिकायत की जाँच के निर्देश दिए थे। कमिश्नर ने जाँच में शिकायत सही पाई। उज्जैन कमिश्नर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के पश्चात कार्यवाही करते हुए श्री रोहित के स्थान पर उप मेला अधिकारी (अपर कलेक्टर) श्री गोपाल डाड़ को प्रभारी आर.टी.ओ. का दायित्व सौंपा गया है। श्री जयप्रकाश शर्मा को आवश्यक परमिट स्वीकृत कर दिया गया है। अन्य लंबित प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी गई है।