उपदेश अवस्थी/भोपाल। सोमवार को सुबह अचानक एसटीएफ के सामने लक्ष्मीकांत शर्मा का पेश होना कोई चौंकाने वाला घटनाक्रम नहीं था। वो फिक्सिंग के बाद ही यहां आए थे और जो फिक्स था वही हुआ। मामूली पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। सनद रहे कि भोपाल समाचार ने इस फिक्सिंग का अपडेट सबसे पहले दिया था।
भोपालसमाचार.कॉम ने सबसे पहले 19 दिसम्बर को ही प्रकाशित कर दिया था कि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लक्ष्मीकांत शर्मा दिल्ली पहुंच गए हैं और वहां भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात की। दिल्ली में शर्मा की मुलाकात शिवराज से भी हुई और संघ के नेताओं से भी। वहां उन्होंने खुली धमकी दी थी कि यदि उन्हें जेल जाना पड़ा तो वो अकेले नहीं जाएंगे।
इस धमकी के बाद से ही लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी डाउट में आ गई थी और अंतत:वही हुआ जो लक्ष्मीकांत ने अपनी स्क्रिप्ट में लिख दिया था। इस बीच कई लोगों ने भोपाल समाचार के इस खुलासे का उपहास भी उड़ाया और कहा कि शिवराज और लक्ष्मीकांत के बीच अब कोई ऐसा समझौता नहीं होगा जो सरकार की साख पर दाग लगा दे।
परंतु आज के घटनाक्रम ने सबकुछ प्रमाणित कर दिया। लक्ष्मीकांत शर्मा अपने रिश्तेदार सुधीर शर्मा के साथ सुबह एसटीएफ आफिस पहुंचे और मामूली पूछताछ के बाद उन्हें वहां से जाने दिया गया। वो सीना तानकर अपने घर के लिए रवाना हो गए।
शिवराज सिंह चौहान बेहतर जानते हैं कि इस घटनाक्रम से सरकार की छवि पर कितना नेगेटिव इफेक्ट आएगा, लेकिन सवाल यह है कि आखिर लक्ष्मीकांत शर्मा के दिल में ऐसे कौन से राज छिपे हैं जो शिवराज सरकार ने इस बदनामी की कीमत पर उन्हें छिपाए रखना बैहतर समझा।