कोई नहीं समझ पा रहा आखिर क्यों हार गए कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया

राजनगर। बुंदेलखंड की राजनीति में खासा दखल रखने वाले कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया का हारना अप्रत्याशित रहा। सागर संभाग की राजनगर सीट से उनके खिलाफ कांग्रेस के कुंवर विक्रम सिंह नाती राजा सामने थे।
नातीराज को यहां से करीब 33 हजार वोट मिले, जबकि कुसमारिया करीब 3 हजार वोटों से पीछे रह गए। यहां 1800 से ज्यादा लोगों ने नोटा का बटन दबाया, जबकि बसपा के बालाजी पटेल ने 10 हजार से ज्यादा वोट बंटोरे।


टिकट वितरण के दौरान भाजपा में दो मंत्रियों सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमारिया का जबर्दस्त विरोध हुआ था। इसकी गूंज भोपाल तक सुनाई पड़ी थी और प्रदेश कार्यालय में हंगामा तक हुआ था। कुसमारिया की हार में भितरघात का सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है।


दूसरा यहां करीब 1800 लोगों ने नोट बटन दबाया। यदि बसपा और नोटा का प्रभाव कम रहता, तो शायद कुसमारिया की नैया पार लग जाती। कुसमारिया की हार के प्रमुख कारण-

1. भितरघात।
2. बाहरी प्रत्याशी होना।
3. जनता में आक्रोश होना है।

कांग्रेस के विक्रम सिंह को कुल 54643 वोट मिले हैं वहीं भाजपा के डा. रामकृष्ण कुसमारिया को  मात्र 46036 वोट मिले हैं। विक्रम सिंह के जीतने के पीछे के खास कारण कुछ इस तरह रहे-

1. वर्तमान विधायक होने का फायदा मिला।
2. स्वच्छ छवि।
3. क्षेत्र में अच्छा वोट बैंक।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!