भोपाल। टिकिट वितरण के बाद और मतदान से पहले तक जिन नाराज भाजपा नेताओं को स्टेट हाईकमान सुलझाने, समझाने में लगा था, अब उन्हीं नेताओं को निपटाने की तैयारियां शुरू हो गईं हैं।
पार्टी चुनाव के दौरान भितरघात और पार्टी विरोधी गतिविधियों करने वाले नेताओं की जांच-पड़ताल जिलाध्यक्ष और संगठन मंत्रियों से भी करा रही है। पार्टी ऐसे सभी मामलों को अनुशासन समिति के पास जांच के लिए भेजेगी। इसी आधार पर वह अगला कदम उठाएगी। विधानसभा चुनाव के दौरान हुए भितरघात की शिकायतों करने का सिलसिला लगातार जारी है।
कृषि मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमारिया, कैलाश चावला और एक दर्जन उम्मीदवारों ने सोमवार को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से बंगले पर मुलाकात की और उनसे शिकायत की गई कि पार्टी के कुछ लोगों ने उनके खिलाफ भितरघात किया। कुछ लोगों ने तोमर से लिखित शिकायत की है।
यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की शिकायत सामने आई हो। तीन दिन पहले ही जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री कुसमरिया, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के साथ ही विधायक ललिता यादव सहित कोई एक दर्जन उम्मीदवारों ने प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन से मुलाकात कर अपने क्षेत्र की चुनावी स्थिति से अवगत कराया था।
बताया जाता है कि मंत्रियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध में काम करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जानकारी दी। इससे पहले पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता आदि भी इस मामले में तोमर और मेनन से मुलाकात कर चुके हैं। लगतार आ रही शिकायतों के चलते भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने जिलों से वास्तविक स्थिति मंगाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने अपने सभी 55 जिलाध्यक्ष और संबंधित संगठन मंत्रियों से उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम बुला रही है जिन्होंने उम्मीदवारों के पक्ष में काम नहीं किया है।