मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग की पूरक गाइडलाइन

भोपाल। चुनाव आयोग ने 8 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर पूरक गाइड लाइन तैयार की है। मतगणना को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं के बाद आयोग ने राजनीतिक दलों के सुझावों को अपनी पूरक गाइड लाइन में जगह दी है।
इस पूरक गाइड लाइन में आयोग ने व्यवस्थ दी है कि अब प्रत्येक टेबल पर एक केंद्र सरकार के कर्मचारी की भी निगाह होगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि मतगणना स्थल पर प्रेक्षकों के लिए पृथक कमरे में व्यवस्था की जाए। उन्हें टेलीफोन, फैक्स की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। रिटर्निंग आफिसर से कहा गया है कि वे चुनाव परिणाम की घोषणा करने के पूर्व संबंधित प्रेक्षक से आवश्यक रूप से अनुमति लें। डाक मतपत्रों की गिनती का कार्य भी संबंधित प्रेक्षक की निगरानी में किया जायेगा।

मतगणना की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में 8 दिसम्बर को 230 विधानसभा क्षेत्र की मतगणना की अद्यतन जानकारी देने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम के संचालन के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रूही खान को कम्प्युटर संचालन का प्रभार दिया गया। उनके सहयोग के लिए तकनीकी संचालक व्हीएन गुर्जर, संदीप वर्मा, प्रोग्रामर प्रवास जैन, सुरेन्द्र रघुवंशी, राजस्व निरीक्षक अनिल मालवीय एवं

प्रोग्रामर हितेन्द्र कौशिक को पदस्थ किया गया। पंकज प्रजापति एवं विनय देशमुख मतगणना के दिन राज्य से आने वाले मतगणना परिणामों के डिस्पले पैनल के संचालन में सहयोग करेंगे। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अंजु भदौरिया कंट्रोल रूम की प्रभारी होंगी। तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार सुनीता लाल, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरएन सिंह विभिन्न जिलों से प्राप्त होने वाले परिणामों के अद्यतन में सहयोग करेंगे। निर्वाचन आयोग को समय-समय भेजी जाने वाली रिपोर्ट की जिम्मेदारी का कार्य उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस रावत को सौंपा गया है। इस कार्य में तहसीलदार संजीव केशव पाण्डे, राजीव जैन, इस्माईल सैफी, अंबुज मिश्रा, संदीप जैन एवं सुजाता चिंचोलकर सहयोग करेंगे।

मतगणना स्थल पर सम्पर्क कक्ष
जिलों में बनाए गए प्रत्येक मतगणना स्थल पर संपर्क कक्ष के साथ ही मीडिया सेंटर भी बनाया जा रहा है। मीडिया सेन्टर का प्रभार एक जिम्मेदार और सक्षम अफसर को सौंपा जाएगा। मीडिया कव्हरेज के लिए संचार की जरूरी सुविधाएं इस सेंटर पर जुटाई जाएंगी। चुनाव आयोग ने इस सिलसिले में गाइड लाईन दी है। प्रत्येक गणना केन्द्र पर एसटीडी सुविधायुक्त टेलीफोन, फेक्स, कम्प्यूटर, (प्रिन्टर, इंटरनेट सहित) से सुसज्जित एक संपर्क कक्ष स्थापित होगा। अधिकारियों के लिए टेबिलकुर्सि यां इस कक्ष में लगी होंगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से सीधी वार्ता के लिए हाट लाईन की सुविधा देने को कहा गया है। एक पृथक कक्ष आब्जर्वर के लिए भी आरक्षित रहेगा, जहां से वे पूर्ण गोपनीयता के साथ आयोग से संपर्क में रहेंगे।

मीडिया सेंटर
आयोग ने मतगणना केन्द्र में एक उपयुक्त स्थान पर मीडिया सेंटर भी स्थापित करने को कहा है। मीडियाकर्मियों के लिए हर सेंटर पर एक कक्ष मुख्य मतगणना हाल से थोड़ी दूरी पर तथा अलग से एक मीडिया सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसमें फोन, फेक्स, डाटा कम्युनिकेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। रिटर्निंग आफिसर या जनसंपर्क विभाग का अधिकारी अथवा कोई अन्य अधिकारी मीडिया सेन्टर पर नियुक्त किया जाएगा, जो उसका प्रबंध देखने में सक्षम हो। गणना हॉल के भीतर मीडिया द्वारा कोई फोटोग्राफ अथवा वीडियो लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मतगणना हॉल में रिटर्निंग आफिसर और आयोग के प्रेक्षकों को छोड़कर किसी को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

सुरक्षा व्यवस्था
मतगणना केन्द्र के आसपास तीन स्तरीय संरचना और पुलिस द्वारा सुरक्षा घेरा रहेगा, ताकि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति गणना केन्द्र के अंदर न जा सके। एक वरिष्ठ मजिस्ट्रेट को पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ पुलिस की सुरक्षा घेरे के साथ नियुक्त किया जाएगा, ताकि वह मतगणना केन्द्र में प्रवेश को नियंत्रित कर सके। मतगणना स्थल में पुलिसकर्मियों द्वारा तलाशी लेने के बाद प्रवेश दिया जाएगा।

डाक मतपत्र गिनती के बाद ईवीएम का आखिरी राउंड शुरू होगा
चुनाव आयोग ने मतगणना में डाक मत पत्रों की गिनती आयोग के निर्देशानुसार कराये जाने को कहा है। आयोग ने कहा है कि किसी परिस्थिति में पुनर्गणना की स्थिति बनती है तो संपूर्ण प्रक्रिया की पुन: वीडियोग्राफी कराई जाए और इसकी सीडी भविष्य के लिए पृथक से लिफाफे में रखी जाए। जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मतगणना के दिन डाक मत पत्रों की गिनती प्रात: 8 बजे से प्रारंभ करें उसके 30 मिनिट के अंतर के बाद ईवीएम के मतों की गिनती शुरू की जाए। जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि वे डाक मत पत्रों की गिनती के लिए एक अलग मेज की व्यवस्था करें। उम्मीदवार एवं उनके एजेंट को यह सलाह दी जाए कि वे डाक मत पत्रों की गिनती के लिए अलग से गणना एजेंट नियुक्त करें। डाक मत पत्रों की गिनती के लिए एक अलग से एआरओ नियुक्त किए जाने के लिए भी कहा गया है। प्रेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी डाक मत पत्रों की गिनती के साथ-साथ ईवीएम वोटों की गिनती पर समानांतर रूप से नजर रखेंगे। डाक मत पत्र की गिनती के मिलान को अंतिम रूप देने के पहले आरओ व्यक्तिगत रूप से सत्यापित करेंगे और रद्द किए गए डाक मत पत्रों के संबंध में प्रत्याशी अभिकर्ता से चर्चा कर उनकी आपत्ति का समाधान करेंगे।

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