व्यापमं घोटाला: बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे सुधीर शर्मा, कई रसूखदारों के खिलाफ सबूत

भोपाल। व्यापमं द्वारा 2012 में पीएमटी, प्री- पीजी सहित आधा दर्जन भर्ती परीक्षाआें के फर्जीवाड़े में सुधीर शर्मा, डीआईजी आरके शिवहरे समेत सात संदिग्धों को पक्ष रखने एसटीएफ ने तलब किया।

ज्यादातर संदेही घरों से नदारद मिले, लेकिन डीआईजी व डॉ. अजय शंकर मेहता गुरुवार को बयान दर्ज कराने एसटीएफ कार्यालय पहुंचे। एसटीएफ अब इनके बयानों की सत्यता को परख रही है।

एसटीएफ के अनुसार पीएमटी, प्री-पीजी, खाद्य निरीक्षक एवं नापतौल परीक्षा, दुग्ध संघ भर्ती, एसआई भर्ती और आरक्षक भर्ती परीक्षाओं के फर्जीवाडे को लेकर पृथक-पृथक अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है।

व्यापमं द्वारा आयोजित इन परीक्षाओं में व्यापमं के पूर्व नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी, सीनियर सिस्टम एनालिस्ट डॉ. नितिन मोहिन्द्रा, अजय सेन, सीके मिश्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने पूछताछ करने पर उनके द्वारा विभिन्न परीक्षाओं में भिन्न-भिन्न प्रकार के तरीकों से अपराध करने फर्जी तरीके से अभ्यथिर्यों को पास करना कबूला है।

पड़ताल के दौरान इन परीक्षा फर्जीवाड़ों में पास होने वाले अभ्यर्थियों के अलावा आकृति गार्डन निवासी सुधीर शर्मा, इंदौर निवासी विनोद भंडारी, कोलार निवासी संजीव सक्सेना, चूना भट्टी निवासी भरत मिश्रा, भोपाल निवासी डॉ. अजय शंकर मेहता और भोपाल निवासी डीआईजी आरके शिवहरे की संलिप्तता के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

एसटीएफ द्वारा विभिन्न माध्यमों से सूचित कर संदेहियों को अपना- अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया। लेकिन डॉ. मेहता और डीआईजी शिवहरे को छोड़ अन्य कोई भी संदेही अपने बयान देने या पक्ष रखने उपस्थित नहीं हुआ। घरों पर तलाश करने पर भी सभी संदेही अनुपस्थित पाए गए, जिनसे संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बारे में मालूम हो कि पीएमटी फर्जीवाड़ा 2013 को लेकर इंदौर की राजेंद्र नगर थाना पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। मामले की विवेचना इंदौर क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी, जहां से मामले की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई।

विवेचना के दौरान व्यापमं के अधिकारी डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन मोहिन्द्रा, अजय सेन, चन्द्रकान्त मिश्रा ने पूछताछ में 2013 के साथ ही 2012 में आयोजित पीएमटी, प्री-पीजी, खाद्य निरीक्षक एवं नापतौल परीक्षा, दुग्ध संघ भर्ती, एसआई भर्ती परीक्षा और आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा करना कबूला है। एसटीएफ ने सभी मामलों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है।


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