मुलताई (बैतूल). राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन बिक्री के मामले में गुरुवार को पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम सत्येंद्र अग्रवाल, नायब तहसीलदार वीके दीवान और रजिस्ट्रार आरएस चौधरी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
जेएमएफसी आर प्रजापति ने तीनों आरोपियों को 26 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। तीनों अधिकारियों को बुधवार शाम को पुलिस प्रकरण की पूछताछ के लिए थाने लाई थी।
यह है मामला
मंदिर की 17 एकड़ जमीन रेलवे स्टेशन के पास है। मंदिर के तथाकथित ट्रस्टी महादेव प्रसाद भार्गव ने इस जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीन लोगों को दो करोड़ 17 लाख रुपए में बेच दिया था। तत्कालीन एसडीएम सत्येंद्र अग्रवाल ने नियमों को ताक पर रखकर मंदिर की जमीन को बेचने की अनुमति दी थी। तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस चौधरी ने जमीन के बाजार मूल्य से कम दर पर रजिस्ट्री कर दी। जमीन खरीदी में बगैर नगद लेनदेन किए पोस्ट डेटेड चेकों के आधार पर रजिस्ट्री संपादित कर दी थी। रजिस्ट्रार ने मौके पर पहुंचकर जमीन का निरीक्षण भी नहीं किया था। तत्कालीन नायब तहसीलदार वीके दीवान ने तहसीलदार के प्रभार में रहते हुए नियमों के विरुद्ध जमीन बिक्री के बाद तीनों खरीददारों के नाम पर भूमि का नामांतरण कर दिया था।