
साथ ही त्वचा की सफाई भी नियमित तौर पर बहुत जरूरी है। आपके आहार में कार्बोहाइड्रेड की अधिकता त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा अधिक मीठा, खट्टा और तला हुआ भोजन भी त्वचा के लिए हानिकारक होता है। इसी के चलते त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ते हैं और त्वचा बेजान दिखती है। अपने डाइट प्लान में विटामिन बी, सी और ई सही मात्रा में शामिल करें। विटामिन सी से त्वचा में निखार आता है।
साथ ही विटामिन ई से त्वचा को पोषण मिलता है और त्वचा मुलायम तथा लोचदार बनी रहती है। विटामिन ए रक्त संचार को दुरुस्त करके त्वचा को रूखा होने से बचाता है। दिन में आठ से दस गिलास पानी पीना खूबसूरत त्वचा पाने की दिशा में पहला कदम है। इसलिए अपनी त्वचा के प्रकार को जानना और उसके मुताबिक स्किन केयर रूटीन को अपनाना बहुत आवश्यक है।
सामान्यत: त्वचा चार तरह की होती है
-सामान्य त्वचा (नॉर्मल स्किन)- ऐसी त्वचा सबसे अच्छी मानी जाती है। मुलायम और दाग-धब्बे रहित इस त्वचा में बीमारियों का खतरा बहुत ही कम होता है। लेकिन इस त्वचा को अपने मूल स्वरूप में बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि इस प्रकार की त्वचा में रोम छिद्र ज्यादा दिखते हैं और मृत त्वचा बहुत ही जल्दी जमा होती है। और कभी-कभार सही तरह से सफाई न होने या फिर हार्मोन में असंतुलन की वजह से मुंहासों का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए चेहरे की सफाई नियमित तौर पर गुलाबजल से करें और दिन भर त्वचा को नम बनाए रखें। अगर आप धूप में ज्यादा निकलते हैं तो अपनी त्वचा को हानिकारक पराबैगनी किरणों (UV किरणों), धूल और प्रदूषण से बचाने के लिए सही क्वॉलिटी के सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग करें।
रूखी त्वचा (ड्राई स्किन)- इस प्रकार की त्वचा हमेशा खुरदुरी और बेजान नजर आती है। सर्दियों में रूखी त्वचा फट जाती है और लाल निशान बन जाते हैं। इस स्किन टाइप को सबसे ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपकी त्वचा ऐसी तो आप ज्यादा से ज्यादा पानी और फलों का सेवन करें जिससे त्वचा में नमी की पर्याप्त मात्रा बनी रहेगी। त्वचा की सफाई, टोनिंग और मॉयश्चराइजिंग हर दिन दो बार करना बहुत ही जरूरी है। झुर्रियों की समस्या इसी तरह की त्वचा में सबसे ज्यादा होती है। CTM (क्लिनजिंग, टोनिंग, मॉयश्चराइजिंग) के अलावा त्वचा को हफ्ते में दो बार अच्छे स्क्रब से साफ करें।
तैलीय त्वचा (ऑयली स्किन)- ऐसी त्वचा तेल की अधिकता की वजह से चमकती हुई नजर आती है। ऐसी त्वचा में खुले हुए रोमछिद्र, ब्लैक हेड्स और एक्ने की समस्या बहुत ज्यादा होती है। इस तरह की त्वचा को साफ रखने की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो अच्छे फेसवॉश से चेहरा दिन में तीन बार साफ करें। ध्यान रखें कि आपका फेसवॉश बहुत ज्यादा कठोर ना हो। अच्छी बात ये कि इस त्वचा को मॉयश्चराइज करने की जरूरत होती ही नहीं है।
मिश्रित त्वचा (कॉम्बिनेशन स्किन)-ऐसी त्वचा रूखी और तैलीय त्वचा का मिश्रण होती है। चेहरे का टी (T) जोन (माथा, नाक और ठुड्डी) तैलीय होता है जबकि गाल रूखे होते हैं। टी जोन की क्लिनजिंग और टोनिंग बहुत ही जरूरी है और गालों को अच्छे मॉयश्चराइजर से नम रखें।
ये तो हुई स्किन टाइप की बात लेकिन इसके साथ ही बहुत ही जरूरी है कि आप संतुलित आहार और अच्छी नीद लें और अपने स्किन टाइप के मुताबिक कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करें। त्वचा पर उम्र, पर्यावरण, मौसम, एलर्जी और तनाव का सीधे तौर पर असर पड़ता है और स्किन एजिंग के लक्षण जल्दी नजर आने लगते हैं।
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मिकी मेहता |
(लेखक देश के जाने-माने हेल्थ एक्सपर्ट और सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर हैं। मिकी मेहता के बारे में और जानकारी या फिर फिटनेस संबंधी सलाह लेने के लिए लॉगऑन करें- facebook.com/mickeymehtahbf पर। आप उनके ब्लॉग mickeymehtabf.com/blog पर भी फिटनेस से जुड़ी ढेर सारी जानकारी पा सकते हैं। इसके अलावा ट्विटर (twitter.com/mickeymehta) पर भी आप उन्हें फॉलो कर सकते हैं)