अजय सिंह। व्यापमं घोटाले की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयंभू मामा बनकर इस प्रदेश के भांजे-भांजियों के साथ धोखा किया है। इस घोटाले में जो लोग भी पूछताछ के दायरे में आर रहे हैं उनमें सुधीर शर्मा और जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष अजय शंकर मेहता न केवल भाजपा नेता है, सरकारी पदों से नवाजे गए हैं बल्कि मुख्यमंत्री से इनके खास संबंध है।
ईमानदारी का चोंगा पहने मुख्यमंत्री को सीबीआई जांच से इसलिए गुरेज हैं क्योंकि व्यापमं घोटाले का हर किरदार उनका खास है। व्यापमं में हुए मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शिक्षा महाघोटाले के तार सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़ चुके हैं। यहीं कारण है कि सीबीआई जांच से वे डर रहे है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने के युवाओं और आम नागरिकों के हितों की बात सिर्फ अपनी लंबी जुबान से की और तंत्र के अंदर चल रहे कारनामों से उन्होंने इस प्रदेश के नागरिकों के साथ ठगी की है। व्यापमं घाटाले में जिस तरह से रसूखदारों के नाम आ रहे है वे सभी के सभी मुख्यमंत्री के आसपास और भाजपा नेता है। वे सरकार की संस्थाओं में पदाधिकारी भी है।
घोटालों के सरताज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यकाल इस प्रदेश में घोटालेबाज का कार्यकाल माना जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास अभी-भी समय है की वे सीबीआई से जांच कराकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।
- लेखक श्री अजय सिंह मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।