जबलपुर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों को चुनौती देने वाले मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश ए एम खानविलकर व के के लाहोटी की युगलपीठ ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को निर्धारित की है।
यह जनहित का मामला डा. आशुतोष मिश्रा की ओर से वर्ष 2011 में दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि माखनलाल विश्वविद्यालय में विगत पांच वर्षों में नियमों को दरकिनार कर सीधी भर्तियां की गई हैं। आरोप है कि विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियां आरएसएस व भाजपा विचारधारा से जुड़े लोगों की हुई है। आवेदक का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विश्वविद्यालय में जनरल काउंसिल के पदेन अध्यक्ष होते हैं, उनकी ही नोटशीट के बाद नियुक्तियां की गई हैं, जो कि अवैधानिक है।
याचिका में मांग की गई है कि उक्त नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सीएम को नोटिस दिए जाने पर आपत्ति जाहिर की गई लेकिन आवेदक की ओर से पेश किए गए तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्श दिए हैं।