ग्वालियर। हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार सहित सभी कलेक्टरों को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब कुपोषण के विरुद्ध योजनाओं पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं तो बच्चे कुपोषित क्यों है।
ग्वालियर हाईकोर्ट खण्डपीठ ने प्रेम नारायण याची द्वारा अधिवक्ता उमेश कुमार बौहरे के माध्यम से लगाई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये, न्यायमूर्ति एसके गंगेले व न्यायमूर्ति डीके पालीवाल ने केन्द्र व राज्य सरकार तथा कलेक्टरों को नोटिस जारी कर बच्चों के कुपोषित होने के बारे में चार सप्ताह में जबाब मांगा है।
अधिवक्ता उमेश कुमार बौहरे ने बताया है कि सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिये करोड़ों रूपये खर्च कर रही है, इस हेतु चलाई जा रही योजना का पालन ठीक से नहीं हो रहा है, इसलिये वर्ष 2008 से 2013 तक आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती की जांच की जाये स्थानीय स्तर पर खरीदी गई दवाओं की जांच की जाये वहीं दूसरी ओर कुपोषित बच्चों के इलाज की व्यवस्था की जाये।