अभिषेक पाण्डेय। संविदा शाला भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग सहित आरक्षित वर्ग के बेरोजगारों ने मेंहनत से व्यापम परीक्षा उतीर्ण की लेकिन बीए में 50 प्रतिशत कम अंक एवं बीएड उतीर्ण बेरोजगारों को गलत नियम का हवाला देकर उन्हें जानबूझकर काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया।
आखिर क्यों जब एनसीटीई ये नियम बनाती है कि बीएड करने वाले जिन्होंने 2005 के बाद बीएड किया है और जिनका बीए में 50 प्रतिशत से कम अंक है लेकिन परास्नातक में 50 प्रतिशत से अधिक अंक वह बीएड कर सकता है लेकिन जब नौकरी देने की बात आती है तो नियम बदल कैसे जाते है। व्यापम में संविदा शाला वर्ग दो यानी छ से 10 तक पढ़ाने के लिए बीए एवं बीएड योग्यता है लेकिन 50 प्रतिशत परास्नातक के साथ बीएड करने वाले योग्य हैं उन्हें नौकरी क्यों नहीं दी गई।
जिस तरह से मनमानी ढंग से व्यापम परीक्षा फेल वाले को पास कर उन्हें नौकरी देनी थी इसीलिए परास्नातक 50 प्रतिशत के साथ बीएड योग्यातधारी के साथ अन्याय किया गया है।
अभिषेक कांत पाण्डेय
संविदाशाला वर्ग 2 उतीर्ण अभ्यर्थी