कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए अजय सिंह के नाम पर विचार

भोपाल। पिछले सरकार में नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह रिपीट होना चाहते हैं परंतु समीकरण उनके हिसाब से फिट नहीं हो रहे हैं, ऐसे में हाईकमान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रहा है।

विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन बनेगा,इसे लेकर तस्वीर दिल्ली में उलझी हुई है। इसी बीच कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के बीच इस पद को लेकर अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। पिछली मर्तबा केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की मदद से राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनवा लिया था, मगर इस बार कमलनाथ ने इस पद के लिए अपने समर्थक बाला बच्चन की दावेदारी को हवा देकर नया पेंच फंसा दिया है।

सूत्रों की माने तो कमलनाथ ने राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष बाला बच्चन के नाम की सिफारिश की है,हालांकि परदे के पीछे से दिग्विजय, अजय सिंह को फिर एक मौका दिलवाने की कोशिश में हैं। दिग्गी कैम्प इस प्रयास में लगा हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष पद का चयन दिल्ली से नहीं बल्कि इस बार भी वोटिंग से हो।

ऐसा इसलिए है क्योंकि वोटिंग होने से अजय का पलड़ा भारी होने की संभावना ज्यादा रहेगी। मौजूदा विधायकों में अजय सिंह के पक्ष में करीब 30 विधायक मतदान कर सकते हैं,जबकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी और कमलनाथ यदि उन्हें रोकने के लिए एक होते हैं तो 28 विधायकों के उनके पक्ष में आने की संभावना है। यानी महज दो वोटों का ही अंतर रहेगा। अधिकांश विधायक नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नया चेहरा चाहते हैं।

यदि हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष के लिए किसी नए चेहरे का चुनाव किया तो ऐसी सूरत में दिग्गी कैम्प डॉ.गोविंद सिंह के नाम को आगे बढ़ा सकता है। हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष,विधानसभा उपाध्यक्ष पदों के लिए भी नए चेहरे की तलाश मे हैं। सिंधिया को प्रदेश कांगे्रस का अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें हैं लेकिन खबर है कि वे इसके लिए राजी नहीं हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में वे अपनी जगह अरूण यादव के नाम को आगे बढ़ाएंगे।

ऐसा हुआ तो नेता प्रतिपक्ष पद पर ब्राम्हण को मौका मिल सकता है। उपाध्यक्ष का पद आदिवासी चेहरे को देने का निर्णय होगा। लोकसभा चुनाव को देखते हुए आलाकमान इस बार ओबीसी, ब्राम्हण,आदिवासी समीकरण बिठा सकता है। अजय सिंह के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की खबर हाईकमान को है। दोबारा नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने की सूरत में एक विकल्प उन्हें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाने का भी हो सकता है। महेंद्र सिंह कालूखेड़ा इस बार नेता प्रतिपक्ष बनने की हरसंभव कोशिश में हैं।


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