भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं मानसरोवर डेंटल कॉलेज के स्टूडेंट्स

भोपाल। मानसरोवर डेंटल कॉलेज के विद्यार्थी दोबारा प्रेक्टिकल परीक्षा न कराने की मांग के लेकर अड़ गए हैं।

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में इस मामले में लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बाद गुरुवार को हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठी चार्ज करके स्थिति पर नियंत्रण करना पड़ा। इस दौरान कुछ छात्रों को चोटें आईं। छात्रों ने शुक्रवार से भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

गुरुवार दोपहर बीयू पहुंचे करीब 150 छात्रों ने ढाई घंटे तक विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे लेकिन गार्ड ने प्रशासनिक भवन के चारों गेट पर ताले लगा दिए। प्रदर्शनकारी छात्र गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। शाम पांच बजे उन्होंने नारेबाजी तेज कर दी। जब छात्रों ने हटने से इंकार किया तो पुलिस ने लाठियों से उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया।

इन कॉलेजों को बनाया सेंटर

जानकारी के अनुसार विवि ने मानसरोवर डेंटल कॉलेज के बीडीएस प्रथम वर्ष के छात्रों का प्रेक्टिकल परीक्षा सेंटर भाभा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस, द्वितीय वर्ष के छात्रों का आरकेडीएफ डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, तृतीय वर्ष के छात्रों का ऋषिराज कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च सेंटर तथा चतुर्थ वर्ष के छात्रों का पीपुल्स कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च सेंटर बनाया है।

कुलपति ने नहीं मानी मांग

इसके पहले छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति प्रो. निशा दुबे से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या बताई। छात्रों ने दोबारा प्रेक्टिकल परीक्षा नहीं लेने का आग्रह किया तो कुलपति ने इंकार कर दिया। इस पर छात्रों ने उन्हीं के कॉलेज में प्रेक्टिकल परीक्षा कराने की मांग रख दी। छात्रों ने कहा कि अन्य डेंटल कॉलेजों में प्रेक्टिकल परीक्षा केंद्र बनाए जाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

विवि प्रशासन ने छात्रों की यह मांग भी मानने से इंकार कर दिया। कुलपति ने छात्रों से कहा कि विवि न तो मानसरोवर कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाएगा और न ही उन परीक्षा केंद्रों को बदलेगा जिन्हें इस कॉलेज के छात्रों की प्रेक्टिकल परीक्षा के लिए बनाया है। वहीं, छात्रों का तर्क था कि दूसरे कॉलेज में प्रेक्टिकल परीक्षा कराने पर उन्हें मरीज के साथ ही उपकरणों की भी समस्या आएगी। इससे उनका प्रेक्टिकल बिगड़ सकता है।

प्रशासन को बयान देने पहुंची केवल 10 छात्राएं

राज्य महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली मानसरोवर नर्सिग कॉलेज की छात्राएं अब प्रशासन को बयान देने से कतरा रही हैं। गुरुवार को 40 छात्राओं को बयान देने के लिए एमपी नगर एसडीएम कार्यालय बुलाया गया था लेकिन 10 छात्राएं ही वहां पहुंची। एसडीएम माया अवस्थी का कहना है कि वे इन बयानों के आधार पर ही वे अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप देंगी।

कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम अवस्थी पीड़िता छात्राओं के बयान लेने कॉलेज पहुंची थी लेकिन छात्राओं के न मिलने पर उन्होंने कार्यालय में आकर बयान देने को कहा था। इधर, छात्राओं का कहना है कि उन्हें लगातार शिकायत और बयान वापस लेने के संबंध में धमकी मिल रही है। इसीलिए वे बयान देने से बच रही हैं।

आयोग ने पुलिस से मांगी जानकारी

राज्य महिला आयोग ने पुलिस से जानकारी मांगी है कि  इस मामले में किन धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। अध्यक्ष उपमा राय का कहना है कि जानकारी आने के बाद आयोग इस मामले में नए सिरे से विचार करेगा।

आयोग के सलाहकार अभय तिवारी का कहना है कि इस मामले में पुलिस को  सेक्सुअल हैरासमेंट ऑफ वूमन एट वर्क प्लेस के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। उनका कहना है कि मानसरोवर नर्सिग कॉलेज में छात्राओं की शिकायत और आयोग के सिफारिश के बाद पुलिस को आईपीसी की धारा 354 (क), 506, 509, 354, 384 और 120 बी के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।

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