पौने तीन घंटे देरी से आई शताब्दी

भोपाल। दोपहर के दो बजे, मुख्य स्टेशन का ड्राइव-इन प्लेटफार्म नंबर-6। सैकड़ों यात्री शताब्दी का इंतजार कर रहे हैं। स्टेशन पर बैठने के लिए न तो पर्याप्त बैंच हैं और न ही कोई कवरिंग शेड। जिससे स्टेशन पर खडे यात्री परेशान होते रहे।
जैसे ही शताब्दी एक्सप्रेस के बारे में अनाउंसमेंट होता है कि ट्रेन 2 घंटा 40 मिनट की देरी से भोपाल पहुंचेगी। शताब्दी का इंतजार कर रहे यात्रियों के चेहरे पर मायूसी छा गई। दरअसल दिल्ली की तरफ से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार को कोहरे के कारण करीब पौने तीन घंटे की देरी से पहुंची। इस दौरान सही जानकारी न मिलने से यात्री और उनके परिजन परेशान होते रहे। गौरतलब है कि शताब्दी अपने निर्धारित समय 2.05 बजे की जगह 4.40 मिनट पर भोपाल पहुंची। यात्रियों का कहना था कि भोपाल रेल मंडल को ट्रेनों की लेटलतीफी की जानकारी के लिए कोई टोल फ्री या फिर इंक्वायरी नंबर जारी करना चाहिए। ताकि घर से निकलने से पहले व्यक्ति ट्रेन के आने का सही समय पता कर सके। कई यात्रियों का कहना था कि उन्होंने शताब्दी एक्सप्रेस की सही टाइमिंग के बारे में रेलवे के 139 इंक्वायरी नंबर पर फोन कर जानकारी मांगी तो बताया गया कि ट्रेन करेक्ट टाइम आएगी। प्लेटफार्म पर आने के बाद पता चला कि ट्रेन 2 घंटा 40 मिनट लेट है।

20 मिनट तक लगा रहा जाम
शताब्दी एक्सप्रेस से आए परिजनों को लेने आए परिवार के लोगों को स्टेशन पर परेशान होते दिखाई दिए। साथ ही स्टेशन से बाहर निकलते ही जाम का सामना करना पड़ा। दरअसल, अल्पना टॉकिज तिराहे पर मिनी बसों चालक आपसे में किसी बात को लेकर भिड़

गए। इसके चलते जाम की स्थिति निर्मित हुई। मिनी बसों के सड़क पर खडेÞ होने के कारण स्टेशन परिसर और बाहर चार पहिया वाहन चालकों की लंबी-लंबी कतारे लग गई। करीब 25 मिनट बाद ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला। इसके बाद जाम से वाहन चालकों मुक्ति मिली। कोच पोजिशन पता लगाने में हुई दिक्कत स्टेशन पर भारी भीड़ होने के कारण यात्रियों को शताब्दी एक्सप्रेस में कोच ढूंढते रहे। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने एक कोच गाइडेंस सिस्टम लगाया है। उसमें भी दिन के समय कोच पोजिशन का पता नहीं चल पाती है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को ठंड के दिनों में 139 के अलावा कोई टोल फ्री नंबर जारी करना चाहिए। ताकि यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी लेने के लिए परेशान न होना पडे।

यह ट्रेनें भी लेट
कोहरे के चलते दिल्ली समेत उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों से आने वाली ट्रेनें एक से छह से ज्यादा घंटे की देरी से भोपाल पहुंच रही हैं। नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी व भोपाल एक्सप्रेस रविवार को पौने तीन घंटे की देरी से भोपाल आईं। सुबह नौ बजे के बाद ही स्पीड बढ़ती है। दिल्ली की ओर से आने वाली ट्रेनों के देरी से गंतव्य पर पहुंचने के कारण दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों भी देरी से चल रही हैं। तमिलनाडु पांच घंटे, दक्षिण एक्सप्रेस पौने चार घंटे, गोंडवाना 6.30 घंटे, पंजाब मेल 4 घंटे, निजामुद्दीन-विशाखापट्टनम 5 घंटे, श्रीधाम 4 घंटे देरी से आईं। इसके अलावा सचखण्ड , पातालकोट , गोवा एक्सप्रेस व बंगलौर राजधानी एक्सप्रेस एक से दो घंटे की देरी से आईं।

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