भोपाल। आईएएस राजेश राजौरा के यहां इंकम टैक्स छापे में हाईकोर्ट से आए फैसले के बाद उनके द्वारा एमपी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायती आवेदन पत्र 90 पेज का था। आला पुलिस अधिकारियों ने इसे स्वीकार तो कर लिया था, लेकिन इस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आखिर एमपी नगर पुलिस ने अपने आला अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद इस शिकायती आवेदन को ही खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2013 में एमपी नगर पुलिस के समक्ष पंचायत सचिव राजेश राजौरा की ओर से उनके अधिवक्ता अजय शर्मा ने एक शिकायती आवेदन-पत्र दिया है। मई 2008 के तत्कालीन गृह सचिव डॉ. राजेश राजौरा के घर इंकम टैक्स विभाग की छापामार कार्रवाई की गई थी।
इस कार्रवाई के लिए पूर्व स्वास्थ्य संचालक योगीराज शर्मा के घर हुई छापेमारी के बाद जब्त दस्तावेजों को इसमें आधार बनाया गया था। इस कार्रवाई को डॉ. राजौरा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, तो वहां इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण तरीके से की कार्रवाई माना गया है। इस शिकायती-पत्र में हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी को भी लगाया गया था। यह शिकायती आवेदन करीब 90 पृष्ठ का बनाया गया था।
इंकम टैक्स अधिकारियों के विरुद्ध थी शिकायत
डॉ. राजेश राजौरा की ओर से की शिकायत में चार सीनियर आयकर अधिकारियों के नाम लिखे हैं। वे उस समय मप्र में पदस्थ थे, जिन्होंने यह कार्रवाई की थी। इन पर पंचायत सचिव डॉ. राजेश राजौरा की ओर से फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई थी।