इंदौर। ढाई साल पहले शहर के पूर्वी क्षेत्र के पॉश श्रीनगर कॉलोनी ((मेन)) में बेटी, मां व नानी की लूट के लिए की गई हत्या का फैसला सुनाते हुए जिला अदालत ने युवती सहित तीनों आरोपियों को फांसी की तिहरी सजा सुनाई।
फैसला सुनाते हुए विशेष अपर सत्र न्यायाधीश डीएन मिश्र ने कहा कि तीन पीढिय़ों को समाप्त करने वाले ऐसे मामले में आरोपियों को मृत्युदंड के अलावा अन्य कोई और विकल्प नहीं हो सकता। इंदौर के इतिहास में पहली मर्तबा किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। इन तीनों आरोपियों सहित इंदौर में इस साल अब तक सात लोगों को अलग अलग मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई।
श्रीनगर कॉलोनी में 19 जून 2011 को बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक कार्यालय में वसूली अधिकारी निरंजय देशपांडे ((उज्जैन)) की धर्मपत्नी मेघा देशपांडे ((45)), पुत्री अश्लेषा देशपांडे ((23)) एवं सास रोहणी फड़के ((70)) को तीन आरोपियों ने मौत के घाट उतार दिया था।