मंडला। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरूचि और वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाने के साथ साथ विज्ञान विषय पढ़ने में रूचि जाग्रत करने हेतु स्कूलों में प्रायोगिक कार्य कराया जाना नितांत आवश्यक है लेंकिन देखा जा रहा है कि विगत कई वर्षो से शासन द्वारा प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि हाईस्कूूूल में एक और हायर सेकेण्डरी में कम से कम 3 प्रयोगशाला सहायक के पद स्वीकृत रहते हैं लेकिन वर्तमान में अधिकाशं हायरसेकेण्डरी में प्रयोगशाला सहायक का कोई भी पद भरा नहीं है। जिससे प्रायोगिक कार्य प्रभावित होता है और विज्ञान शिक्षकों को प्रायोग कार्य कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
राज्य अध्यापक संघ की जिला इकाई अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विज्ञान शिक्षकों के उपर अन्य विद्यालयीन कार्य के साथ साथ वैसे ही सैद्वांतिक पाठ्यक्रम के अध्यापन कार्य का बोझ बढ़ा हुआ है प्रयोगशाला सहायक के अभाव में प्रायोगिक कार्य कराना एक बड़ी समस्या रहती है जिसके चलते पर्याप्त प्रायोगिक कार्य नहीं हो पाते और प्रयोग कार्य मात्र औपचारिकता बन कर रह जाते हैं। संघ की जिला इकाई ने शासन एवं प्रशासन को पत्र लिखकर विद्यार्थी हित में प्रयोगशाला सहायक/सहायक शिक्षक विज्ञान की भर्ती कर पदपूर्ति करने की मांग की है।