इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने युवा महिला क्रिकेटर के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में एमपीसीए के पूर्व संयुक्त सचिव और महिला अंडर 19 चयन समिति के संयोजक अल्पेश शाह की गिरफ्तारी पर प्रकरण की पुलिस जांच पूरी होने तक आज रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एनके मोदी ने शाह की ओर से दायर याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के पूर्व पदाधिकारी को आदेश दिया कि वह मामले की जांच में पुलिस को पूरा सहयोग दें।
बचाव पक्ष के वकील अजय बागड़िया ने अदालत के सामने तर्क रखते हुए दावा किया कि 18 वर्षीय महिला क्रिकेटर ने ‘निजी खुन्नस में’ शाह के खिलाफ इसलिए झूठा मामला दर्ज कराया, क्योंकि उसका चयन प्रदेश की अंडर 19 टीम में नहीं हुआ था।
उच्च न्यायालय में शाह की ओर से दायर याचिका में गुहार की गई है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए। शाह पर आरोप है कि उन्होंने 23 सितंबर की शाम स्थानीय होलकर स्टेडियम के प्रशासनिक ब्लॉक स्थित कार्यालय में ‘विशेष आशीर्वाद’ देने के नाम पर युवा महिला क्रिकेटर को बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकतें कीं।
मीडिया के जरिए 27 नवंबर को यह मामला सामने आने के बाद शाह ने एमपीसीए के संयुक्त सचिव पद से खुद को अलग कर लिया था। पुलिस ने पीड़ित लड़की की शिकायत के आधार पर 28 नवंबर को शाह के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने की नीयत से उस पर आपराधिक बल प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया था।
युवा महिला क्रिकेटर को कल पांच दिसंबर को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) सविता सिंह के सामने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराना है। (भाषा)