इन्दौर के व्यापारी ने खोले आसाराम और नारायण साईं के कई राज

भोपाल। नारायण साईं के पीए कम बॉडीगार्ड रह चुके मूल इंदौर के व्यापारी सतीष वाधवाणी ने आसाराम और साईं के बारे में एक खुलासा किया है। दरअसल सतीश सोमवार की रात वडोदरा की एक होटल में रुके हुए थे। इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे कुछ बातें जानने की कोशिश कीं।

सतीष ने बताया कि वह कई वर्षो तक नारायण साईं के पीए कम बॉडीगार्ड रहे। सतीष के बताए अनुसार आश्रम में होने वाले गोरखधंधों के चलते ही उन्होंने लगभग 8 साल पहले आश्रम छोड़ दिया था। अब वे मप्र के इंदौर शहर में रहते हैं।

सतीष ने बताया कि 1992 में आसाराम का इंदौर में सत्संग का कार्यक्रम था। आसाराम के प्रवचन से वे और उनका परिवार बहुत प्रभावित हुआ। इसके लगभग एक साल बाद ही इंदौर में आसाराम के बेटे नारायण साईं का सत्संग हुआ और सतीष ने उनके दीक्षा ली थी। कुछ ही समय में साईं उनकी कार्यशैली से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपना पीए बना लिया। सतीष अब साईं के पास पीए के साथ उनके विश्वस्त बॉडीगार्ड भी माने जाने थे।


सतीष ने बताया कि आसाराम और साईं अक्सर मध्यप्रदेश के खंडवा के पास मिर्जापुर स्थित एक आलीशान कुटिया में गुप्तवास के लिए आया करते थे। निज सचिव होने के चलते सतीष को जल्द ही आसाराम और साईं की करतूतों का पता चल गया। सतीष के शब्दों में..‘जब भी नारायण साईं यहां आते थे तो मैं कुटिया के बाहर सोया करता था। मैंने कई बार देखा कि देर रात साईं की कुटिया में सेविकाओं का आना शुरू हो जाता था। देर रात कुटिया में दाखिल होने वाली ये सेविकाएं तड़के सुबह ही कुटिया से बाहर निकल जाती थीं।’  सतीष कहते हैं कि एक बार तो मैंने कुटिया में एक साथ 7-8 सेविकाओं को साईं के कमरे में दाखिल होते हुए देखा था।

सतीष बताते हैं कि एक बार उन्होंने जब इस बारे में साईं से पूछा तो वे भड़क उठे और इनके बीच बहस हो गई। इस पर साईं ने गुस्से में तमतमाते हुए कह दिया था कि मैं एक लड़की के साथ रहूं या आठ के, तुम्हें इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए।

इसके बाद सतीष ने आश्रम छोड़ दिया तो साईं ने उन्हें फोन पर धमकाना शुरू कर दिया था। इस बारे में सतीष का दावा है कि उनके मोबाइल में साईं की धमकी के कई फोन कॉल्स अब भी रिकॉर्डेड हैं।

सतीष ने आगे बताया कि सेक्स के मामले में आसाराम और नारायण साईं दोनों एक ही रास्ते पर थे। आसाराम की बात करते हुए सतीष 6 साल पुरानी एक घटना को याद करते हुए बताते हैं कि एक बार आसाराम अपने जन्मदिन के अवसर पर इंदौर स्थित आश्रम आए हुए थे।

आश्रम की संचालिकाओं ने उनके बर्थडे सेलीब्रेशन की जोरदार तैयारियां कर रखी थीं। इसी बीच आसाराम को एक महिला पसंद आ गई थी। आसाराम ने उस महिला को गिफ्ट से भरी एक टोकरी भी दी थी। संचालिकाओं ने उस महिला का ब्रेनवाश किया था कि वह आसाराम के बर्थडे पर उनके साथ रात गुजार ले।

सतीष ने बताया कि आश्रम छोड़ने के बाद साईं ने उन्हें लगातार फोन पर धमकियां देनी शुरू कर दी थी। इसके चलते उन्होंने साईं और आसाराम के खिलाफ सबूत एकत्रित करने शुरू कर दिए थे। इसी के चलते उन्होंने साईं द्वारा फोन पर दी गई धमकियों के कॉल रिकॉर्ड कर लिए थे। सतीष का दावा है कि उनके मोबाइल में साईं की धमकी के कई फोन कॉल्स अब भी रिकॉर्डेड हैं।
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