भोपाल। नई शिवराज सरकार में मंत्री बनने से रह गए विधायकगण अब जातिवाद के आधार मंत्री पद हथियाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने अपने समाज के ठेकेदारों को शिवराज सिंह को डराने का ठेका भी दे दिया है।
हाल ही में कुछ अखबारों में एक विशेष प्रकार की जुगाड़ न्यूज प्रकाशित कराई गई है। इसमें बताया गया है कि
जातीय समीकरणों के दावों के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 23 सदस्यीय मंत्रिमंडल में आधा दर्जन समाजों को जगह नहीं मिल सकी है। इस स्थिति ने मुख्यमंत्री चौहान की सोशल इंजीनियरिंग को कठघरे में ला दिया है।
राजनीति में अहम दखल के लिए पहचानी जाने वाली दो प्रमुख जातियों गुर्जर, कुशवाह के अलावा कायस्थ, कुर्मी, खाती, सिंधी समाज भी शिवराज के मंत्रिमंडल से उपेक्षित हुआ है। जिससे इन समाजों में खासी नाराजगी है, जबकि मंत्रिमंडल में चार ब्राह्मण, चार जैन, तीन वैश्य, 1 क्षत्रिय व प्रदेश के दो राजघरानों के तीन मंत्री बनाए गए हैं। नाराज गुर्जर समाज ने प्रतिनिधित्व न मिलने पर ताल ठोक दी है।
कुशवाह समाज भी जल्द ही सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं। यही हाल कायस्थ समाज का है। समाज के लोगों ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। पिछली बार भी प्रदेश में 143 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कराने के बावजूद बीजेपी को कांग्रेस के खाते में गईं 12 लोकसभा सीटें गंवानी पड़ी थीं। इन सीटों में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मालवा के मंदसौर, शाजापुर, उज्जैन और होशंगाबाद सीट भी शामिल थीं।
कुशवाह समाज भी वंचित प्रदेश में करीब 60 लाख आबादी का नेतृत्व करने वाले कुशवाह समाज को भी शिवराज कबीने में जगह नहीं मिली। पिछली सरकार में इस समाज से दो विधायक थे, एक इंदौर से महेंद्र हार्डिया और दूसरे ग्वालियर से नारायण सिंह कुशवाह। इस बार शिवराज सरकार में कुशवाह समाज के दोनों ही विजयी विधायकों को मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया। युवा कुशवाह समाज के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह कहते हैं कि हमारा समाज प्रदेश की 35 से ज्यादा विधानसभा में बाहुल्यता रखता है। ऐसे में समाज की उपेक्षा रखना घोर निंदनीय है।
कुल मिलाकर लोकसभा में जातिवाद के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण की धमकी देकर तीन समाजों के तथाकथित ठेकेदार माहौल बनाने की शुरूआत कर रहे हैं और जुगाड़ मीडिया में इन प्रयासों को हवा दी जा रही है। देखना यह है कि यह जातिवाद की प्रेशर पॉलिटिक्स कितनी हावी हो पाती है और शिवराज इसके आगे नतमस्तक होते हैं या नहीं।