भोपाल। दिल्ली की सत्ता पर काबिज होकर देश की राजनीति में हलचल मचाने वाली आम आदमी पार्टी अब मध्यप्रदेश में भी भाजपा-कांग्रेस से सीधी लड़ाई लड़ने को तैयार है। आप प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी है और अब उसे ऐसे ईमानदार, समाज की सेवा करने वाले अच्छे चेहरों की तलाश है, जिन्हें टिकट देकर चुनाव लड़ाया जा सके।
भोपाल लोकसभा सीट को लेकर आप के नेताओं की नजर रिटायर्ड आईएएस अफसर एमएन बुच पर है। आप से जुड़े कुछ नेता उन्हें उम्मीदवार बनाने के लिए उन पर डोरे भी डाल रहे हैं। सुनने में यह खबर आप लोगों के लिए भले ही अचरझ भरी लगे,लेकिन यह सच है। आप के नेता बुच की कार्यप्रणाली,उनके व्यक्तित्व से खासा प्रभावित हैं,यही कारण है कि वे चाहते हैं कि एमएन बुच आप की टिकट पर भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार बनें। हालांकि इससे इतर बुच फिलहाल इस बात को यह कहकर नकार रहे हैं कि दिल्ली में नई सरकार बनी है,इसलिए थोड़ा इंतजार कर लीजिए। फिर विचार करेंगे।
मतलब,बुच कुछ वक्त इंतजार करो और देखो की नीति पर गुजारेंगे,तभी कोई निर्णय लेंगे। आम आदमी पार्टी विदिशा, इंदौर, गुना, ग्वालियर, जबलपुर और राजगढ़ सीटों को अपने लिए बेहद संभावनाशील क्षेत्र के तौर पर देख रही है। मप्र के विधानसभा चुनाव से आप ने खुद को पूरी तरह से दूर रखा था,लेकिन दिल्ली राज्य में आए शानदार नजीजों ने उसकी उम्मीदों को बढ़ा दिया है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल उसके पहले मुख्यमंत्री बन गए हंै। एमएन बुच की तरह प्रदेश भर के कई और भी प्रशासनिक अफसर आप के संपर्क में हैं। 1976 बैच के एक और पूर्व आईएएस मान दाहिमा ने कहा है कि वे आप ज्वाइन करेंगे। वे फिलहाल कांगे्रस में हैं।
पार्टी ने बेवसाइट पर दिए फार्म
आप ने अपनी बेवसाइट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के लिए फार्म की व्यवस्था की है। टिकट मांगने वाले दावेदारों को अपने साथ सौ समर्थकों की सूची संलग्न करनी होगी।
बैतूल से चुनाव लड़ चुके हैं बुच
1957 बैच के आयएएस अधिकारी रहे बुच सन 1984 में बैतूल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस चुनाव में कांगे्रस प्रत्याशी रहे असलम शेर खान को जीत मिली थी। जबकि भाजपा की जमानत जब्त हो गई थी। बुच महज 14 हजार वोटों से सांसद बनते-बनते रह गए।
उन्होने व्यवस्था से तंग आकर सरकारी नौकरी तीस साल पहले छोड़ दी। उनकी उम्र अस्सी साल की है। लेकिन वे अभी शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को फिट मानते हैं। बुच अपनी अडिगता के लिए भी जाने जाते हैं। बुच को चुनाव लड़ने के लिए यदि आप राजी कर सकी तो इसे उसके लिए एक बड़ी कामयाबी कही जा सकती है।