भोपाल। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभाओं में चुनाव जीतने के साथ ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा की एक-एक सीट को जीतने की रणनीतियां तलाशी जा रही हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की गुना (ज्योतिरादित्य सिंधिया) और छिंदवाड़ा (कमलनाथ) जैसी अजेय मानी जाने वाली सीटों को जीतने की रणनीतियां तैयार की जा रही हैं।
भाजपा ने गुना से उमा भारती को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने की रणनीति तैयार की है। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास दो ही विकल्प होंगे- या तो उन्हें उमा भारती का मुकाबला करना होगा या ग्वालियर की तरफ कूच करना होगा।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक उमा भारती गुना से मैदान में उतर जाती हैं तो सिंधिया के लिए लड़ाई काफी मुश्किल हो जाती है। सिंधिया यदि उमा भारती से मुकाबले से बचने के लिए ग्वालियर जाते हैं तो उन्हें हराना भाजपा के लिए आसान हो जाएगा।
गुना के मुकाबले ग्वालियर को सिंधिया के लिए ज्यादा कमजोर माना जा रहा है। ग्वालियर से यशोधरा राजे लोकसभा सदस्य थीं, जो अब शिवपुरी से विधानसभा में आ गई हैं।
पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की है। मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से 16 सीटें भाजपा, 12 कांग्रेस और 1 बसपा के पास थीं। अब भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है जो मौजूदा हालात में मुश्किल नजर नहीं आता।
सिरोंज से मामूली अंतर से चुनाव हारे लक्ष्मीकांत शर्मा को सागर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। सिरोंज विधानसभा सागर सीट में ही आती है।
सागर से भाजपा सांसद भूपेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक हो गए हैं। होशंगाबाद से कांग्रेस सांसद राव उदयप्रताप पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। अब भाजपा इस सीट को अपनी झोली में मानकर चल रही है।
मालवा में भाजपा ने जिस तरह से स्वीप किया है, कांग्रेस के कब्जे वाली रतलाम (कांतिलाल भूरिया), उज्जैन (प्रेमचंद गुड्डू), मंदसौर (मीनाक्षी नटराजन), धार (गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी) और देवास (सज्जनसिंह वर्मा) में भाजपा जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है।
दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली राजगढ़ लोकसभा सीट का बुर्ज इस बार भाजपा ने विधानसभा चुनावों में ढहा दिया है। वहां भाजपा को खिलचीपुर, राजगढ़, सारंगपुर, ब्यावरा, चांचौड़ा सीटें जीतने में सफलता मिल गई है।
कांग्रेस को केवल दो सीटें मिली हैं। एक दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह जीते हैं। भाजपा इस बार राजगढ़ सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रही हैं।
भाजपा के सामने छिंदवाड़ा ही एक चुनौती बची है, जहां कमलनाथ के खास विधायक भी चुनाव हार गए हैं। भाजपा छिंदवाड़ा सीट पर अभी मजबूत उम्मीदवार की खोज कर रही है।
भाजपा के सामने एक समस्या यह होगी कि उसके 16 सांसदों को कैसे बरकरार रखा जाए। छत्तीसगढ़ में रमनसिंह ने शपथ लेने के दौरान कहा है कि राज्य में पूरी 11 लोकसभा सीटें जिताकर पार्टी को सौंपी जाएंगी।