भोपाल। चार विधानसभा चुनावों में मिली भारी सफलता के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] अब भाजपा और प्रदेश सरकार दोनों पर ही पैनी नजर रखेगा। संघ की नजर कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों पर भी है।
आरएसएस को आशंका है कि कैबिनेट में दागियों के शामिल होने से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए भावी मंत्रियों के नाम पर पहले संघ से हरी झंडी लेना होगी । संघ और शीषर्ष नेतृत्व की मंशा है कि पहले विस्तार में अधिकतम दर्जन भर मंत्रियों को ही कैबिनेट में स्थान दिया जाए। बाकी पदों को बजट सत्र या लोकसभा चुनाव के बाद भरने पर भी विचार चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद भाजपा की शिवराज सरकार को आदर्श सरकार के रूप में स्थापित करने के लिए संघ ने साफ-सुथरी छवि वालों को ही कैबिनेट में स्थान देने का फरमान जारी किया है। खास तौर पर जिन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, उनसे दूरी बनाने के लिए भी प्रदेश नेतृत्व से कहा गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि संघ लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह के विवादों से पार्टी की छवि को प्रभावित नहीं होने देना चाहता है। यही वजह है कि शिवराज कैबिनेट में शुरुआती दौर में मंत्रियों की संख्या कम रखने का निर्णय भी लिया गया है। उनमें भी ज्यादातर मंत्री पुराने रहने का अनुमान है।
ये हो सकते हैं मंत्री
इनमें बाबूलाल गौर, जयंत मलैया, कैलाश विजयवर्गीय, सरताज सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अर्चना चिटनीस, जगदीश देव़़डा, विजय शाह, रंजना बघेल सहित अन्य वरिष्ठ मंत्रियों में से रहेंगे। नए मंत्रियों में विंध्य से दो मंत्री लिए जाने पर विचार चल रहा है। एक आदिवासी वर्ग से हो सकता है। इनमें ज्ञान सिंह, मीना सिंह, कुंवर सिंह अथवा रामलाल रौतेल में से एक हो सकते हैं। इसी तरह हर्षनारायण सिंह, केदार शुक्ला या रमाकांत तिवारी में से किसी एक को कैबिनेट में लिया जा सकता है। इनके अलावा डॉ गौरीशंकर शेजवार, कैलाश चावला, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे, सीताशरण शर्मा लालसिंह आर्य में से भी कुछ को शामिल किया जा सकता है।
बायोडाटा तैयार
मंत्रालय में प्रदेश में मंत्री बनने का दावा करने वाले सभी विधायकों का बायोडाटा तैयार किया गया है। इनमें उनके मंत्री पद पर रहते हुए किए गए काम-काज के तौर-तरीकों सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल की गई हैं। दरअसल इस बार पार्टी में वर्तमान मंत्रियों के साथ पुराने कई दिग्गज भी मंत्री पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। दावेदारों की संख्या अधिक होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन सभी का बायोडाटा तैयार कराया है।
आज तय हो सकते हैं मंत्रियों के नाम
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री इस बार अपनी कैबिनेट में अधिक से अधिक ऊर्जावान और साफ सुथरी छवि के लोगों को रखना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस फार्मूले के तहत सभी दावेदारों की जानकारी एकत्र कर संघ के वरिष्ठ नेतृत्व को भेज दी है। 13 दिसंबर को विधायक दल की बैठक के बाद इस सूची पर मंथन कर मंत्री पद के लिए योग्य दावेदारों के नाम पर सहमति बन सकती है।