भोपाल। खुद को एक ब्रह्मचारी कहलवाने वाले संत पर राजधानी पुलिस ने आखिर शिकंजा कस दिया है। ज्यादती का प्रकरण दर्ज करने के बाद आरोपी संत को पकड़ने जब पुलिस उसके आश्रम पहुंची, तो उसके सेवादारों ने उन पर बंदूकें तानी और कुत्ते छोड़ दिए।
जहांगीराबाद पुलिस की टीम ने भी हार नहीं मानी और वह मौके पर डटी रही है। अपने रसूख की धमकी देने वाले रौब गालिब करने वाले आरोपी गिरीश वर्मा को आखिर गिरफ्तार करने के ही पुलिस ने दम लिया। पुलिस हिरासत के दौरान भी आरोपी लगातार अपना दवाब बनाता रहा है।
पुलिस के अनुसार, दोपहर में महिला थाने में महर्षि शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा पर प्रकरण दर्ज करने के बाद उसकी गिरफ्तारी की कोशिश शुरू हो गई थी। जहांगीराबाद और महिला थाना पुलिस की एक टीम को मिसरोद के भोजपुर रोड स्थित महर्षि आश्रम पर भेजा गया। जहां सीएसपी जहांगीराबाद सलीम खान और महिला थाना प्रभारी रेणु मुराव पहुंचे। पुलिस को गेट पर देखकर गिरीश वर्मा के हथियारबंद सेवा दारों ने उनको गेट पर रोक दिया।
तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस को आश्रम के अंदर नहीं जाने दिया गया। पता चला है कि इस दौरान पुलिस पर सेवादारों ने कुत्ते छोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने हार नहीं मानी और वे गिरीश वर्मा को हिरासत में लेकर ही आश्रम से निकले। गिरीश वर्मा रास्ते भर पुलिस को अपना रसूख दिखाने की कोशिश करता रहा।
पुलिस से बोला ले मंत्री से बात कर
गिरीश वर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस को हड़काया, उसने एक फोन लगाकर कहा कि पुलिस अधिकारी से कहा ले मंत्री से बात कर, लेकिन अधिकारी ने बात करने से इंकार कर दिया। पुलिस ने उनसे कहा कि आपको साथ चलना पड़ेगा।
थाने में भी चेहरे पर बनी रही मुस्कान
महर्षि महेश योगी के भतीजे गिरीश वर्मा को गिरफ्तार कर जब जहांगीराबाद थाने में रखा गया , तो वह पुलिस को देखकर मुस्कारता रहा। जब पुलिस उनको लेकर मेडिकल के लिए जाने के लिए निकली तो उसके चेहरे पर मुस्कु राहट साफ देखी जा सकती थी।
आला अफसरों से मिला ग्रीन सिग्नल
पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरीश वर्मा को सोमवार सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा। संभावना है कि पुलिस उनकी रिमांड नहीं मागेगी। उसकी गिरफ्तारी को लेकर भी पुलिस पर काफी दवाब बताया गया है। लेकिन दोपहर में जब पुलिस के आला अफसरों ने अपना ग्रीन सिग्नल दे दिया, इसके बाद गिरीश वर्मा की गिरफ्तारी की इबारत लिखना शुरू हो गई थी।
नारायण सांई से रही है दोस्ती
गिरीश वर्मा की आशाराम के बेटे नारायण सांई से दोस्ती रही है। पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो नारायण सांई ज्यादती के मामले में फरार था, तब भी वह भोपाल उनके आश्रम में आया था। सूत्र बताते हैं कि उसका आश्रम में कई सालों से आना जाना रहा है। पुलिस को एक ऐसी फोटो भी मिली है कि जिसमें नारायण सांई और गिरीश वर्मा साथ हैं।
जहांगीराबाद थाने में गुजारी रात
गिरफ्तारी के बाद गिरीश वर्मा को जहांगीराबाद थाने में रात गुजारी। वह पुलिस को सुबह गिरफ्तारी देने की बात कह रहा था लेकिन पुलिस उसकी गिरफ्तारी दिखाने के बाद उनकी मेडिकल जांच करवा चुकी है। ऐसे में पुलिस को उनको ऐसे स्थान पर रखेंगी, जहां उनकी सुरक्षा की जा सकें। फिलहाल गिरीश वर्मा पुलिस की गिरफ्त में है।
सेवादारों ने पुलिस के पीछे लगाई इनोवा
पुलिस गिरीश वर्मा को महर्षि आश्रम से लेकर निकली, वैसे ही सेवादार भी इनोवा जीप में पुलिस के पीछे लगा दी, वे लगातार पुलिस की गाडियों का पीछा करते रहे, इस दौरान एक जगह पुलिस ने अपनी गाड़ी रोकी, तो वहां पर भी सेवादारों ने हंगामा मचाया।
थाने में दिखाया रौब
जहांगीराबाद थाने पहुंचकर गिरीश वर्मा ने पुलिस पर एक बार फिर से रौब गांठना शुरू कर दिया। वह पुलिस को अपने वकील से बात करवाने की बात कह रहा था। इस पर पुलिस ने इंकार कर दिया। तब उसने पुलिस को देख लेने की धमकी दे डाली। इस के बाद भी पुलिस ने उसकी एक न सुनी।
