इंदौर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं कांतिलाल भूरिया। इनके आसपास मंडराने वाले बादल यानी नेता अब छंटने लगे हैं, क्योंकि इनकी कुर्सी कभी भी खिसक सकती है।
यह देखते हुए उन नेताओं ने भूरिया से दूरी बनाना शुरू कर दी है, जो कभी उनके आगे-पीछे घूमते रहते थे। प्रदेश में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में भूरिया की हालत देखकर नेता उन्हें सार्वजनिक रूप से कोसने के साथ भला-बुरा कहने लगे हैं।
विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाली कांग्रेस ने उन लोगों को बदलने की कवायद शुरू कर दी है, जिन्होंने चुनाव में सक्रियता नहीं दिखाई। हार के चलते प्रदेशाध्यक्ष भूरिया को बदलकर सांसद अरूण यादव को बैठाने की तैयारी चल रही है। यह देखते हुए कांग्रेस के उन लोगों ने पाला बदल लिया, जो कभी भूरिया के आगे-पीछे घूमते रहते थे।
कुर्सी का पावर जाता देख पाला बदलने वाले नेता भूरिया के इंदौर आने पर मिलने तक नहीं जाते। भूरिया अब सिर्फ अपने दो-चार समर्थक के साथ ही नजर आते हैं। हालांकि कुर्सी का पावर जाने के बाद कांग्रेस में नेता की क्या हालत होती है? यह किसी से नहीं छुपा है, क्योंकि भूरिया के पहले प्रदेशअध्यक्ष रहे सुरेश पचौरी जब तक कुर्सी पर थे, तब तक एयरपोर्ट से लेकर शहर में होने वाले उनके कार्यक्रम में नेताओं की भीड़ लगी रहती थी।
अब कुर्सी जाने के बाद अकेले इंदौर आते-जाते रहते हैं। समर्थकों के अलावा कोई अन्य नेता न तो उनको लेने एयरपोर्ट जाता है, न मिलने। इस तरह की हालत भूरिया की कुर्सी जाने से पहले ही हो गई है। भूरिया ने पावर में रहते जिन लोगों को पद दिलाए, वे भी अब दूर भागने लगे हैं।
सिंधिया पर अटकी सूई
प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने का मन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर बना रखा है, लेकिन वह अभी अध्यक्ष बनना नहीं चाहते हैं। ऎसी स्थिति में सांसद यादव का नाम आगे बढ़ाया गया है। इसके चलते जल्द ही भूरिया की कुर्सी खिसक जाएगी।