भोपाल। विंध्याचल के के पंचायत एंव ग्रामीणा विकास के बजट एवं स्थापना शाखा में लगी आग में उस सब इंजीनियर की सच्चाई भी जलकर खाक हो गई, जिस पर विभागीय जांच के दौरान डेढ़ करोड़ की रिकवरी निकलने के कारण मौत को गले लगा लिया था।
इसका खुलासा विंध्याचल की आग में मिले जले हुए दस्तावेजों से बंद बस्ते से मिले कागजात से हुआ है। ऐसे कई दस्तावेज आगजनी की घटना के बाद विभागीय अधिकारियों के हाथ लग रहे हैं, जिनकी जांच लोकायुक्त और विभागीय स्तर की जा रही थी।
यह था इंजीनियर का मामला
बड़वानी जिले में मनरेगा शाखा में कंस्ट्रेक्शन काम देख रहे सब इंजीनियर देवराज परवरे ने कुछ दिन पूर्व आत्महत्या कर ली थी । उनको पता चला था कि उन पर मनरेगा के दौरान काम में गड़बड़ी को लेकर विभागीय जांच चल रही है। उन पर हेरफेर की बात उजागर हुई थी और विभाग ने उन पर डेढ़ करोड़ की रिकवरी निकाली थी। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले ने जब सुर्खियां पकड़ी तो संबंधित विभाग ने इस मामले में लीपापोती की थी। बाद में विभाग की ओर से बताया जाने लगा था कि
वे बीमार थे। हम यहां बता दे कि 28 नवंबर को विंध्याचल भवन के तीसरे माले पर स्थित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दμतर में आग लग गई थी। इसमें बजट एवं स्थापना शाखा का बजट पूरी तरह से जलकर खाक हो गया था। इसके बाद कर्मचारियों ने इन जले हुए दस्तावेजों के बस्ते में रखा लिया था। इसके बाद अब रिकार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। ऐसे में इन दस्तोवज के मिलने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
पुलिस को नहीं मिली रिपोर्ट
विंध्याचल में आगजनी की घटना को 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को विभागीय अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी हैं।