भोपाल। चुनावी घमासान में भ्रष्टाचार के आरोप झेल चुकी शिवराज सरकार के तीसरी बार सत्ता में आते ही व्यवस्था में बदलाव आहट सुनाई दी है।
सरकार ने ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा कसना और कार्रवाई करने की शुरूआत की है जिनकी कार्यशैली उसकी छवि को बिगाड़ने का काम करती है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा के निर्देश पर बुधवार को उज्जैन के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) एचआर रोहित को निलंबित कर दिया गया। आरटीओ को एक आवेदक को यात्री बस का परमिट (अस्थाई अनुज्ञा-पत्र) स्वीकृत करने में विलंब के लिए दोषी पाया गया था।
मुख्य सचिव ने मैदानी अफसरों को चेताया कि जनता की जायज मांगों को लंबित रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी शुरूआत उन्होंने बुधवार से कर दी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि नागरिकों के आवेदनों को लंबित न रखा जाए, आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही की जाए। यह मामला मुख्य सचिव से भेंट के लिए प्रति गुरूवार आने वाले नागरिकों के आवेदनों पर कार्यवाही के दौरान यह मामला सामने आया।
क्या था मामला
देवास के जयप्रकाश शर्मा ने मुख्य सचिव को 28 नवम्बर को दिए गए आवेदन में शिकायत की थी कि उन्होंने पत्नी लता शर्मा के नाम पर तीन यात्री बस फायनेंस करवाई हैं जो संचालन के लिए खड़ी हैं। आरटीओ उज्जैन को बागली-देवास, देवास-हरदा मार्ग पर यात्री बस चलाने के लिए परमिट के लिए आवेदन किया गया था जो बिना ठोस कारण के लंबित रखा गया है।
मुख्य सचिव ने कमिश्नर उज्जैन केसी गुप्ता को शिकायत की जांच के निर्देश दिए थे। कमिश्नर ने जांच में शिकायत सही पाई। उज्जैन कमिश्नर से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के बाद कार्यवाही करते हुए रोहित के स्थान पर अपर कलेक्टर गोपाल डाड़ को प्रभारी आरटीओ का दायित्व सौंपा गया है। जयप्रकाश शर्मा को आवश्यक परमिट स्वीकृत कर दिया गया है। अन्य लंबित प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी गई है।