कैसे होगी व्यापमं घोटाले की जांच, लाखों हार्डकॉपियां नष्ट कर चुका है व्यापमं

भोपाल। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की आधा दर्जन परीक्षाओं में गड़बड़ी का खुलासा करने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स को अब दो साल पहले हुई संदिग्ध परीक्षाओं की जांच शुरू करने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

व्यापमं द्वारा वर्ष 2012 से पहले आयोजित पीएमटी व प्रीपीजी की परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें एसटीएफ को लगातार मिल रही है, लेकिन इन परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट की हार्डकॉपी नष्ट हो चुकी है। व्यापमं वर्ष 2011 के पहले की सभी प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं की ओएमआर शीट की हार्ड कॉपी काफी पहले ही नष्ट कर चुका है।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 से लेकर 2008 तक में हुई कुल 56 परीक्षाओं में शामिल 24 लाख 57 हजार 346 परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट नष्ट की जा चुकी है। इससे पहले 2007 से लेकर 1995 के बीच हुई परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों की संख्या भी लगभग 20 लाख के आसपास बताई जा रही है। एसटीएफ को वर्ष 2013 में हुई पीएमटी के बाद 2012 में हुई प्रीपीजी सहित अन्य चार भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी मिली थी।

जांच के लिए एसटीएफ इन परीक्षाओं के करीब 150 संदिग्ध परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट जब्त कर चुकी है। बताया जाता है कि एसटीएफ को जांच के दौरान वर्ष 2007, 2006, 2005 व 2004 में आयोजित प्रीपीजी तथा वर्ष 1995 में हुई पीएमटी में भी पैसों का लेन देन कर मेरिट में स्थान बनाने से संबंधित जानकारी मिली है।

लेकिन व्यापमं का कहना है कि उसके पास अब इन वर्षों की परीक्षा में शामिल छात्रों की ओएमआर शीट की हार्डकॉपी उपलब्ध नहीं है। हालांकि सॉफ्ट कॉपी में ओएमआर शीट का रिकार्ड एसटीएफ द्वारा जब्त हार्डडिस्क में उपलब्ध है, लेकिन जानकारों का कहना है कि गड़बड़ी की पुष्टि करने के लिए हार्ड कॉपी का होना जरूरी है। हार्डकॉपी व सॉफ्ट कॉपी के मिलान से ही गड़बड़ी होने का पता लगाया जा सकता है। सूत्रों की माने तो एसटीएफ को इन सालों में आयोजित परीक्षाओं में शामिल संदिग्ध परीक्षार्थियों की जांच करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

परीक्षा के छह महीन बाद नष्ट करने का नियम: व्यापमं के प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. एसके जैन के अनुसार नियम के तहत किसी भी परीक्षा की ओएमआर शीट की हार्डकॉपी परीक्षा के छह महीने बाद नष्ट कर दी जाती है। हालांकि कई बार इस प्रक्रिया में एक साल तक लग जाता है। पिछले सालों से कोर्ट केस लगने के कारण वर्ष 2012 व 2011 का कुछ रिकार्ड नष्ट नहीं किया गया है। अमूमन उन सालों की ओएमआर शीट नष्ट नहीं की जाती जिनमें नकल या पर रूपधारण (दूसरे छात्र का परीक्षा देना) के मामले सामने आते हैं। केस समाप्त होने के बाद इन्हें भी नष्ट कर दिया जाता है।

दस सालों में 143 एफआईआर: व्यापमं वर्ष 2002 से 2011 के बीच हुई पीएमटी में नकल के कुल 19 व पर रूपधारण (दूसरे छात्र का परीक्षा देना) के 144 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 143 के खिलाफ व्यापमं द्वारा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

तीन सालों की परीक्षाओं का रिकार्ड

वर्ष      परीक्षाएं      परीक्षार्थी

2010     15            403310
2009     16            442913
2008     25           1611123

कुल-56,24,57,346


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